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उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र स्थगित

राज्यपाल के अभिभाषण से उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र का आगाज हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के विकास कार्यों के ब्योरे के साथ ही भविष्य के लिए प्रस्तावित योजनाओं की तस्वीर दिखाई दी।

विधायक उमेश कुमार ने कहा कि अभिभाषण में रोजगार, स्वरोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस होना चाहिए था। पूरे अभिभाषण में आखिर के आधे पेज में सरकार ने केवल अपनी इच्छा बताई। ई-रिक्शा, इंटरसेप्टर खरीदना क्या बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि संविधान में साफ है कि जब भी राज्यपाल का अभिभाषण होगा तो उस पर चार दिन तक चर्चा होगी। यह लोकतंत्र की हत्या है।

भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि सदन के अंदर लेखानुदान प्रस्तुत करने से पहले विपक्ष के सदस्यों ने व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से लेखानुदान प्रस्तुतिकरण को रोकने का प्रयास किया। कहा कि अफसोस कि बात है कि कार्यमंत्रणा ने हाउस का बिजनेस सेट किया। सदन अपने कामकाज का निर्धारण खुद करता है। सदन के अंदर जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह कार्यमंत्रणा की सिफारिश के तहत हुआ। बेहतर होता कि विपक्ष यह मांग करता कि राज्यपाल के अभिभाषण पर और अधिक चर्चा का समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहली बार में ही विपक्ष के इस कदम की हम आलोचना करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सत्ता के साथ विपक्ष रचनात्मक चर्चा करेगा।

तीन बजे सदन स्थगित होने के बाद चार बजे शुरू हुआ। इस दौरान विपक्ष के तेवर तीखे रहे। विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करने की मांग की। जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा के बाद सदन से अभिभाषण पास हो चुका है। प्रीतम सिंह भी अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। जिसके चलते सदन कल बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

चार बजे विधानसभा सत्र दोबारा शुरू हो गया है। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांग अड़ गया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा के बाद सदन से अभिभाषण पास हो चुका है। प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिश के तहत सदन से अभिभाषण पास हुआ है।

चारधाम ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना से इतर गांवों और कस्बों को जोड़ने वाली सड़कों की सुध ली जाए। ऐसा लोगों का सोचना है। लोग चाहते हैं कि आंतरिक राजकीय, जिला व ग्रामीण मोटर मार्गों के चौड़ीकरण के साथ उन्हें 12 महीने गड्ढामुक्त रखने की नीति सरकार को बनानी चाहिए। उनके मुताबिक, अगले पांच साल में खेती, उद्यान और रोजगार के अवसर पैदा करने वाले सभी क्षेत्रों से जुड़ी अवस्थापना पर सरकार को प्रमुखता से ध्यान देना होगा।

राज्य के लोगों की निगाहों में बड़ी समस्याओं में से एक राज्य शैक्षिक सुधार हैं। शहरी क्षेत्रों में पब्लिक स्कूलों की बाढ़ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के बुरे हाल हैं। स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती के साथ उन्हें उत्कृष्ट और आदर्श संस्थाओं में बदलने और हर ब्लॉक में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणाएं धरातल पर उतारे जाने का इंतजार है।

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