कांग्रेस को पहले अपने नेताओं को जोड़ना चाहिए सुधांशु त्रिवेदी

देहरादून में विश्व संवाद केंद्र के एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुस्लिम समाज को तय करना है कि इस्लाम अमल-ए-रसूल है या अमल-ए-बादशाह। आप मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को मानने वाले हैं या बादशाहों की सियासत में फंसने वाले हैं।
काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारे पुराणों में काशी और ज्ञानवापी दोनों का उल्लेख है। संस्कृत के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देव के दक्षिण भाग में वापी सुशोभित हैं, जिसका जल पीने से पुनर्जन्म नहीं होता है। वहीं मुस्लिम समुदाय में ज्ञान और वापी दोनों शब्दों की परंपरा कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का विषय हिंदु-मुस्लिम का विषय नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह देश में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का विषय है। उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से आज के मुस्लिम समाज का मुगलों से कोई नाता नहीं है। मुगल वंश की शुरूआत बाबर से होती है, जिसके पिता उज्बेग और मां मंगोल थी। वह दावे के साथ कह सकते हैं कि आज के विज्ञान के हिसाब से जीनोम की स्किवेंसिंग करा ली जाए तो किसी मुस्लिम का उज्बेग और मंगोल डीएनए से कोई कनेक्शन नहीं निकलेगा।