Tue. Aug 26th, 2025

चुनावी सीजन में उलझीं शादियां

Dehradun: चुनावी मौसम में वाहनों की कमी से शादी-विवाह वाले परिवारों को परेशानी में डाल दिया है। बड़े वाहनों के चुनाव ड्यूटी में जाने के कारण लोगों को दूसरे शहर से वाहनों महंगे दाम पर मंगाने पड़ रहे हैं तो कई लोग मजबूरी में छोटे वाहन से काम चलाने को तैयार हैं। वहीं अब टैक्सी यूनियनों ने बड़े वाहन नहीं होने के कारण शादियों के लिए वाहन देने से हाथ खड़े करने दिए हैं।

उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को शादी का बड़ा लग्न है। 19 अप्रैल को भी कुछ लोगों के विवाह समारोह हैं। इसमें कई लोगों को बरात लेकर हल्द्वानी से दूर रानीखेत, अल्मोड़ा, खटीमा, पिथौरागढ़, बागेश्वर आदि जगह जाना है। मगर उनके सामने समस्या बड़े वाहन की आ रही है।

दरअसल हल्द्वानी से 184 और काठगोदाम से 280 वाहन चुनाव ड्यूटी में लगे हैं। अब टैक्सी स्टैंड में सिर्फ चार सीटर वाहन ही शेष हैं। नैनीताल से करीब 300, भवाली से 80, भीमताल से 30 वाहन चुनाव ड्यूटी में लग चुके हैं। 50 से अधिक वाहन रिजर्व रखे गए हैं। चुनाव ड्यूटी में सात सीटर और 10 सीटर वाहनों की मांग ज्यादा है। टैक्सी यूनियन हल्द्वानी के अध्यक्ष भरत भूषण का कहना है कि शादी-बरात के लिए जिलेभर से 50 से 60 लोगों को वाहन देने से मना करना पड़ा है।

बताया कि 19 अप्रैल को बड़े वाहन नहीं मिलने पर एक व्यक्ति ने खटीमा की बरात के लिए 14 टैक्सियां बुक कराई हैं। वहीं एक इनोवा वाहन चुनाव में जाने से वाहन मालिक ने टूर पैकेज लेने वाली पार्टी को दो छोटे वाहन उपलब्ध कराए हैं।  काठगोदाम टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष किशन पांडे ने बताया कि पहले 250 वाहन गए थे। इसके बाद 30 अन्य वाहन भी भेज दिए हैं। आरटीओ संदीप सैनी का कहना है कि हमारे पास शादी विवाह के लिए वाहन फ्री करने को लेकर करीब 20 से अधिक आवेदन आए थे। 12 अप्रैल तक आए आवेदनों पर छूट दी गई है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *