Dehradun: 60 बरस…। उम्र की वह गिनती जिसके बाद नागरिक वरिष्ठ कहलाने लगता है। उसने अब से पहले सरकार के लिए काम किया हो या न किया हो मगर सरकार उनके बारे में सोचने लगती है। योजनाएं बनती हैं, सहूलियत मिलती हैं। हक न मिले तो कानून बना है मगर जिन अपनों के लिए उम्र के इस पड़ाव तक उन्होंने सब कुछ किया वे अपने ही उन्हें न सिर्फ भूल रहे हैं बल्कि दुत्कार रहे हैं।
ईंट की इमारत को खून पसीने से घर बनाया उस घर में ही वरिष्ठ जनों को अपने बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। इसी दुत्कार से परेशान होकर लगातार ये वरिष्ठ नागरिक सरकार के द्वार पर दस्तक दे रहे हैं। हर रोज सात से 10 वरिष्ठ नागरिक देहरादून जिलाधिकारी के पास अपनों की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
प्रेमनगर क्षेत्र की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला गत सोमवार को जिलाधिकारी की जनसुनवाई में पहुंची थी। महिला के अनुसार उनका बेटा उन्हें घर से बाहर निकाल रहा है। उनके पति ने बेटी को एक बीघा जमीन दी थी उस पर भी बेटे की नजर है। जिलाधिकारी ने विकासनगर तहसीलदार को इस मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।