कार्तिक मेले में आने वाले श्रद्धालुओं में रामलला के दर्शन की ललक दिख रही है। राजाराम की दिव्य छवि भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। पांच दिनों में सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए और हर दर्शनार्थी की आंखों में एक ही भाव झलकता रहा, धन्य हुआ जीवन, पा लिए प्रभु के दर्शन।
सुबह से ही राम जन्मभूमि परिसर में दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लग जाती हैं। घंटियों की गूंज और जयकारों के स्वर से पूरी नगरी भक्तिरस में सराबोर है। श्रद्धालुओं का उत्साह ऐसा कि देर रात तक दर्शन के लिए जनसैलाब बना रहता है। रामलला के दरबार में जैसे ही श्रद्धालु प्रवेश करते हैं, भक्ति का भाव स्वतः मुखर हो उठता है। कोई हाथ जोड़े, आंख मूंदे खड़ा है तो कोई भावविभोर है। मंदिर परिसर के चारों ओर ‘जय श्रीराम’ की गूंज वातावरण में ऐसी लय भर रही है कि हर आगंतुक के हृदय में भक्ति का संगीत बज उठता है।रविवार को भी रामलला के दरबार में श्रद्धालुओं की लंबी कतार रही। राजा राम की दिव्य छवि का दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, मेले के शुरुआती दिनों में प्रतिदिन लगभग एक से डेढ़ लाख भक्तों ने रामलला के दर्शन किए। दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए सुरक्षा कर्मियों और स्वयंसेवकों की टीम दिन-रात मुस्तैद है। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए पेयजल, चिकित्सक दल और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है।