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इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र में संघर्षविराम प्रस्ताव पारित हुआ

इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र में संघर्षविराम प्रस्ताव पारित हुआ है। प्रस्ताव पर मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्राइली राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से हमास के प्रमुख को फोन करने की अपील की। इस्राइली राजदूत गिलाद एर्दान ने याह्या सिनवार के कार्यालय का फोन नंबर लिखा हुआ पोस्टर भी दिखाया। उन्होंने महासभा के सदस्यों से कहा, अगर सदस्य देश वास्तव में युद्धविराम की परवाह करते हैं तो याह्या सिनवार को फोन करें।

याह्या सिनवार से बात करें युद्धविराम के समर्थक देश
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में मंगलवार को (अमेरिकी समय)  गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग वाला प्रस्ताव पारित हुआ। इसके समर्थन में 153 देशों ने मतदान किया। हालांकि, प्रस्ताव का विरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र में इस्राइली दूत एर्दान ने कहा, स्थायी युद्धविराम तभी होगा जब फलस्तीनी समूह- हमास अपने हथियार सौंप कर सरेंडर करेगा। उन्होंने कहा, अगर संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल देश वास्तविक युद्धविराम चाहते हैं तो गाजा में हमास के दफ्तरों में फोन कर संगठन के प्रमुख याह्या सिनवार से बात करें।

हमास हथियार डाले, बंधकों की रिहाई भी जरूरी
एर्दान ने कहा, युद्धविराम का समर्थन कर रहे सदस्यों को सिनवार को बताना चाहिए कि जब हमास अपने हथियार डाल देगा, आतंकी वारदात पर पूरी तरह खत्म होंगे और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई हो जाएगी तभी वास्तविक युद्धविराम होगा। यह संघर्षविराम हमेशा जारी रहेगा।

पोस्टर पर दिखाया हमास के कार्यालय का फोन नंबर
उन्होंने युद्धविराम के प्रस्ताव और समर्थन पर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा,  ऐसा करने के बाद कोई कैसे खुद से नजरें मिला सकता है। एक ऐसे प्रस्ताव का कोई कैसे समर्थन कर सकता है जिसमें हमास की निंदा नहीं की गई है। प्रस्ताव में हमास के नाम का उल्लेख तक नहीं है। इन सबके बावजूद उनके पास एक विचार है। यदि UNGA के सदस्य देश वास्तविक रूप से युद्धविराम चाहते हैं, तो गाजा में हमास के कार्यालय का फोन नंबर सही पता है। सभी सदस्य कॉल कर याह्या सिनवार को हथियार डालने को कह सकते हैं।

UNGA में युद्धविराम का प्रस्ताव ‘पक्षपाती राजनीतिक बहुमत’?
इस्राइली राजदूत ने कहा, कागज का कोई भी टुकड़ा, विशेष रूप से पक्षपाती राजनीतिक बहुमत की मदद से पारित प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ किया कि इस्राइल के विनाश का मंसूबा पालने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से उनका देश पीछे नहीं हटेगा। दुनिया की कोई ताकत इस्राइल को खुद का बचाव करने से नहीं रोक सकती।

संयुक्त राष्ट्र में 10 देशों ने विरोध में मतदान किया
बता दें कि युद्धविराम के प्रस्ताव पर भारत समेत 153 देशों ने समर्थन किया। 10 सदस्य देशों ने विरोध में मतदान किया, जबकि 23 देशों ने मतदान नहीं किया। प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों में अमेरिका, इस्राइल, ऑस्ट्रिया, चेकिया, ग्वाटेमाला, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और पैराग्वे हैं।

गाजा में युद्ध की विभीषिका, 18 हजार से अधिक की मौत, 50 हजार से घायल
बता दें कि याह्या सिनवार को युद्धग्रस्त गाजा पट्टी पर हमास का नेता माना जाता है। सात अक्तूबर को हुए हमलों के बाद इस्राइल ने सिनवार को पकड़ने के साथ-साथ हमास को नेस्तनाबूंद करने की कसम खाई है। बीते दो महीने से अधिक समय से जारी युद्ध में अब तक 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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