उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में वनाग्नि की घटनाओं में तेजी से इजाफा
पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले में वनाग्नि की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। पारा जैसे-जैसे चढ़ता जा रहा है जंगलों के धधकने की गति भी उसी तेजी से बढ़ रही है। इस सीजन में अब तक 89.5 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं।
इस बार जाड़ों के सीजन में बारिश नहीं होने से जंगलों में पर्याप्त नमी का अभाव रहा। इससे सर्दियों के सीजन में भी मुनस्यारी, बंगापानी के जंगलों में आग सुलग उठी। इस सीजन में चार दिन पूर्व तक जहां करीब 50 हेक्टेयर जंगल में आग लगी थी वहीं रविवार को यह आंकड़ा बढ़कर 89 हेक्टेयर को पार गया। अकेले शनिवार को ही आग लगने की 10 घटनाएं दर्ज की गईं।
पिथौरागढ़ प्रभाग के साथ ही अस्कोट, डीडीहाट, बेड़ीनाग, गंगोलीहाट में चीड़, बांज आदि के जंगल आग से सुलग रहे हैं। इससे जहां बहुमूल्य वन संपदा को नुकसान हो रहा है। वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। चारों ओर छाए आग के धुएं से पहाड़ियां ओझल हो गई हैं। थल, अस्कोट क्षेत्र में वातावरण में फैले धुएं से लोग खासे परेशान हैं। वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग ने 68 क्रू स्टेशन बनाए हैं। सौ से अधिक फायर वाचर की तैनाती की है। वन कार्मिकों के चुनाव ड्यूटी पर होने से वनों की आग पर काबू नहीं पाया जा सका। अब सोमवार से कार्मिकों के ड्यूटी पर पहुंचने से उम्मीद है कि आग पर काफी हद तक नियंत्रण लग सकेगा। इस सीजन में मुनस्यारी के खुलिया बीट में आग लगाते विभाग की टीम ने एक व्यक्ति को पकड़ा है। वन विभाग ने लोगों से जलती बीड़ी-सिगरेट को जंगल में नहीं फेंकने और आग लगने पर ग्रामीणों से सहयोग करने का अनुरोध किया है।