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उत्तराखंड में एक क्लिक पर मिलेगा जमीनों का रिकॉर्ड

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उत्तराखंड में आने वाले दिनों में जमीनों की रिकॉर्ड एक क्लिक पर मिल जाएगा। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मार्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के तहत प्रदेश में दो जिलों अल्मोड़ा और पौड़ी में जमीनों के भू अभिलेखों को डिजिटलाइज करने का काम पूरा हो चुका है। अब 11 और जिलों में इस काम के लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं।
कुछ दिन में सर्वे कराने के बाद डिजिटल नक्शे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सभी जमीनों को बाकायदा एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इन नंबर के जरिए आप दुनिया में कहीं भी बैठकर अपनी जमीन की स्थिति देख पाएंगे। संबंधित व्यक्ति के पास अपनी जमीन का वास्तविक डाटा बेस उपलब्ध होगा।

इसके अलावा भूमि संपत्ति विवादों के दायरे को कम किया जा सकेगा और भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग की ओर से संचालित इस योजना के लिए सौ प्रतिशत फंडिंग केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है। प्रदेश में इस योजना को अगले दो साल में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

उत्तराखंड के सभी तहसील कार्यालयों को ऑनलाइन कर उनका आधुनिकीकरण किया जा रहा है। अभी तक 108 तहसीलों के सापेक्ष 65 तहसीलों में मार्डन रिकार्ड रूम बनाने का काम अंतिम चरण में है। यह काम पूरा होते ही लघु व सीमांत आदि किसानों की संख्या, नाम, पते व जमीन का जातिवार व श्रेणीवार रिकॉर्ड उपलब्ध होगा।

उत्तराखंड में सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण संबंधी कार्य पूरा कर लिया गया है। अब डीआईएलआरएमपी के तहत 11 जिलों में जमीनों के दास्तावेजों को डिजिटलाइज करने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं। अगले माह तक सर्वे का काम शुरू दिया जाएगा। इसे अगले दो साल से पहले पूरा किया जाना है। – चंद्रेश यादव, सचिव राजस्व

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