खरीदारों की सहमति के बगैर बिल्डर आवासीय परियोजना का विस्तार नहीं कर सकेंगे
Dehradun: अब आवासीय परियोजना का विस्तार करने के लिए निर्माणकर्ता (डेवलपर) परियोजना को विलंब नहीं सकेंगे। प्रोजेक्ट में बदलाव करने के लिए डेवलपर को पहले दो तिहाई भवन खरीदारों की सहमति लेनी होगी। खरीदारों की सहमति बगैर योजना का विस्तार नहीं किया जा सकेगा। इससे विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आवासीय भवन खरीदने वाले लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्हें समय पर फ्लैट आवंटन और कब्जा दिलाया जा सकेगा।
दरअसल बिल्डर पहले एक चरण में आवासीय परियोजना की शुरुआत कर उसके लिए फ्लैटों की बुकिंग कर लेते थे। एक निर्धारित तिथि पर खरीदारों को मकान देने का वादा किया जाता था, लेकिन जैसे ही फ्लैट देने की तारीख नजदीक आती थी, इससे पूर्व बिल्डर परियोजना का विस्तार या नक्शे में बदलाव दर्शाकर प्रोजेक्ट की कंपाउंडिंग करा लेते थे। विकास प्राधिकरण में कंपाउंडिंग कराकर प्रोजेक्ट का विस्तार करा लिया जाता था।
विस्तार के नाम पर बिल्डर को तय तिथि पर फ्लैट देने से राहत मिल जाती थी। बिल्डर नए हिस्से के लिए भी बुकिंग शुरू कर देते थे। इस तरह प्रोजेक्ट की अवधि काफी लंबी हो जाती और खरीदार परेशान रहते थे। खरीदारों ने कई बार रेरा में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि विस्तार करना बिल्डर का निजी विषय है। इसके कारण बिल्डर निर्धारित तिथि पर फ्लैट पर कब्जा देने से पीछे नहीं हट सकते।