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खरीदे गए सामान के बिल में लोग उत्तराखंड का पता लिखवाते हैं तो टैक्स का लाभ राज्य को मिलेगा। 

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में राज्य को हो रहे राजस्व नुकसान को कम करने में आम लोग भी भागीदार बन सकते हैं। इसके लिए राज्य से बाहर सामान की खरीददारी करने पर यदि वे बिल में उत्तराखंड का पता लिखवाते हैं तो आईजीएसटी के माध्यम से राजस्व सरकार के खाते में आएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार से राहत नहीं मिली तो इसी महीने से जीएसटी प्रतिपूर्ति मिलनी बंद हो जाएगी। जिससे राज्य को पांच हजार करोड़ का राजस्व नुकसान उठाना पड़ेगा। राज्य के राजस्व को लेकर भी सरकार चिंतित है। सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस है लेकिन सेवा क्षेत्र से राज्य की कमाई बढ़ाने के लिए अभी सरकार को काफी कुछ करना बाकी है।
राज्य की कमाई बढ़ाने में प्रदेश के लोग भी भागीदार बन सकते हैं। उत्तराखंड के कई लोग दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। साथ ही शादी या किसी बड़े समारोह के लिए खरीददारी करने दूसरे राज्यों में जाते हैं। ऐसे में यदि खरीदे गए सामान के बिल में लोग उत्तराखंड का पता लिखवाते हैं तो टैक्स का लाभ राज्य को मिलेगा।

प्रदेश के राजस्व का ब्योरा

जीएसटी व्यवस्था के अनुसार माल का उपभोक्ता राज्य को ही टैक्स का लाभ मिलता है। अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड की आबादी कम है। जिससे राज्य में माल उपभोग कम होने से सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है। अपर आयुक्त राज्य कर विपिन चंद्र ने बताया कि जीएसटी में आम लोग किस तरह से अपनी भागीदारी कर सकते हैं। इस बारे में लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।

वर्ष                  एसजीएसटी (करोड़ में)
2017-18                2562.23
2018-19                4802.02
2019-20                4931.19
2020-21                4462.30
2021-22                5973.48

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