गुनाह माता या पिता ने किया, लेकिन सलाखों के पीछे पांच मासूम, हाल जानने पहुंचा बाल आयोग
Dehradun: गुनाह माता या पिता ने किया, लेकिन सलाखों के पीछे उनके मासूम बच्चों को भी जाना पड़ा। जेल नियमावली के अनुसार, मासूमों को वो सब कुछ मिलना चाहिए, जिससे उनका बचपन कैद जैसा न लगे और मां की देखभाल मिल सके। नियमों का पालन ठीक से हो रहा है या नहीं, यह देखने के लिए मंगलवार को राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने टीम संग सुद्धोवाला जेल का औचक निरीक्षण किया।
कहा, कैदियों के मानसिक व बौद्धिक विकास का ध्यान रखा जा रहा है। सभी महिला कैदियों की समय-समय पर काउंसलिंग की जाती है। उनके लिए रेडियो की व्यवस्था है। दूरभाष पर उनके परिचितों से सप्ताह में एक दिन बात कराने का प्रावधान भी है। निरीक्षण के दौरान आयोग अध्यक्ष ने महिला कैदियों व बच्चों में आयरन व विटामिन डी के सप्लीमेंट वितरित करन की बात कही, जिससे उन्हें आयरन व विटामिन की कमी से बचाया जा सके।