चंपावत उपचुनाव में मंत्रियों ने झोंकी थी प्रचार में ताकत
चंपावत सीट के लिए हुए उपचुनाव में 61595 (64.02 प्रतिशत) लोगों ने मतदान किया। मतदान का ये प्रतिशत पिछले 15 साल में सबसे कम है। मतदान में नया रिकॉर्ड बनाने की मंशा पूरी नहीं हो सकी। इस साल फरवरी में हुए आम चुनाव में हुई वोटिंग से ज्यादा मतदान नहीं हो सका।
भाजपा से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रत्याशी होने और प्रदेश सरकार सहित संगठन को झोंकने के बावजूद 1775 वोट (1.97 प्रतिशत) कम पड़े। चंपावत उपचुनाव में भाजपा के दो लक्ष्य थे। पहला रिकॉर्ड मतदान करना और दूसरा उपचुनाव में सबसे ज्यादा अंतर से जीत हासिल करना।
इस साल 14 फरवरी को हुई वोटिंग में 96016 वोटों में से 63370 (65.99 प्रतिशत) मत पड़े जबकि 31 मई को हुई वोटिंग में 96213 में से 61595 मत पड़े। मतदान बढ़ाने के लिए भाजपा के जिला संगठन से लेकर प्रदेश नेतृत्व और सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों ने ताकत झोंकी थी।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा राज्य मंत्री और उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री ने भी चंपावत आए। संगठन के स्तर पर राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा सहित संगठन के दिग्गजों ने कार्यकर्ताओं को अधिक मतदान के लिए प्रेरित करते रहे। राजनीतिक हस्तियों के अलावा नामी गायक पवनदीप राजन, कवि डॉ. कुमार विश्वास, सिने कलाकार हेमंत पांडेय जैसे नामचीन शख्सियत भी यहां पहुंचे। प्रशासन ने स्वीप कार्यक्रम के जरिये अधिकतम वोटिंग के लिए अभियान भी चलाया था लेकिन आम चुनाव में हुए मतदान का रिकॉर्ड दो प्रतिशत कम वोटिंग के कारण टूटने से रह गया।