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जीआईएस : इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी रजिस्टर बनाने की तैयारी

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प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों में प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स का जीआईएस आधारित सर्वेक्षण होगा। इसके लिए शहरी विकास निदेशालय विशेषज्ञों की टीम बनाने जा रहा है। दरअसल, प्रदेश के आठ निकायों में शहरी विकास निदेशालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी, हाउस टैक्स सर्वेक्षण कराया था।

इसके नतीजे बेहतर आने के बाद अब निदेशालय की ओर से सभी निगमों, निकायों में जीआईएस आधारित सर्वेक्षण का काम होने जा रहा है। डोर-टु-डोर होने वाले सर्वे के आधार पर सभी जगहों की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। इसके आधार पर ही तय होगा कि कौन सी प्रॉपर्टी असल में कितने साइज की है।

निदेशालय जो टीम बनाने जा रहा है, उसके लिए लीड कंसलटेंट जीआईएस, जीआईएस इंजीनियर, जीआईएस प्लानर और जीआईएस टेक्निकल स्पेशलिस्ट शामिल होंगे। निदेशालय ने संविदा के आधार पर इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह विशेष टीम निदेशालय और सभी निगम-निकायों से तालमेल बनाते हुए काम करेगी।

घर-घर सर्वे मोबाइल एप से होगा

प्रदेश की सभी प्रॉपर्टी का सर्वे एप के माध्यम से भी होगा। घर-घर जाने वाले कर्मचारी मोबाइल एप में डाटा इंस्टॉल करेंगे, जिसकी लोकेशन उस एप के माध्यम से जीआईएस सेल के पास भी जाएगी।

ई-प्रॉपर्टी रजिस्टर बनेगा 

प्रदेश के सभी निगम, निकायों में शहरी विकास निदेशालय अब इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी रजिस्टर भी बनाने जा रही है। जहां भी सर्वे होगा, वह पूरा डाटा आईटीडीए की मदद से स्टोर किया जाएगा। हर निकाय का अपना अलग ई-रजिस्टर होगा, जिससे आसानी से टैक्स की स्थिति देखी जा सकेगी।

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