ज्ञानवापी मामले में जिला जज की अदालत कल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला जज की अदालत में आज सुनवाई पूरी हो गई। मामले में कल (मंगलवार) अदालत का फैसला आ सकता है। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रखा है। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। अब सबकी निगाहें जिला जज की अदालत पर टिकी हैं। इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आज हुई। इस दौरान कचहरी परिसर और आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।
45 मिनट तक दलीलें
करीब 45 मिनट तक अदालत की कार्यवाही चली। दरअसल, वादी पक्ष की तरफ से जिला जज की कोर्ट से यह मांग की गई कि विपक्षी कमीशन कार्यवाही पर आपत्ति दाखिल करे। वहीं प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की दलील थी कि पहले विशेष उपासना स्थल अधिनियम लगेगा या नहीं इस पर सुनवाई हो। अदालत इस पर कल आदेश करेगी। जिस पर अदालत ने 24 मई (मंगलवार) की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी। ऐसे में अब कल का दिन बेहद अहम होने वाला है।
अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख दी जाएगी। हम लोगों ने कमीशन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की सीडी और तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए एक आवेदन दिया था। वहीं अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि हिंदू पक्ष का दावा मजबूत है। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और बाकी सबूतों का अध्ययन करने के बाद कोर्ट कोई फैसला देगा। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं।
अदालत में मौजूद रहे कुल 23 लोग
सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत में कुल 23 लोग मौजूद रहे। पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों के 19 वकीलों और चार याचिकाकर्ता कोर्ट रूम में मौजूद रहे। अंदर जाने की अनुमति उन्हें मिली जिनका नाम सूची में दर्ज था।
हिंदू पक्ष की मांग
- श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा की मांग
- वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग
- नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने की मांग
- शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे की मांग
- वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग
मुस्लिम पक्ष की मांग
- वजूखाने को सील करने का विरोध
- 1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल
अखिलेश यादव और ओवैसी समेत आठ के खिलाफ याचिका
अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव समेत आठ के खिलाफ अदालत में अर्जी दी। धार्मिक विद्वेष फैलाने, मानसिक व धार्मिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की अदालत से अपील की गई है। अदालत ने चौक थाने से रिपोर्ट तलब की।
ज्ञानवापी मामले से जुड़े लोगों को ही कोर्ट रूम में प्रवेश
ज्ञानवापी मामले की सुनवाई शुरू होते ही अदालत परिसर के चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कोर्ट रूम में प्रवेश सिर्फ ज्ञानवापी मामले से जुड़े लोगों को ही मिला है। अधिवक्ताओं के सहयोगियों को कोर्ट रूम से बाहर रोका गया है। चारों वादी महिलाएं भी अदालत में पहुंचीं हैं।
महंत ने अदालत में दिया आवेदन
जिला जज की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने रूल एक नियम 10 के तहत पक्षकार बनने, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन और राग भोग सेवा के लिए आवेदन दिया। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के लिए दोनों पक्ष के अधिवक्ता जिला जज की अदालत में पहुंच चुके हैं।