Fri. Nov 22nd, 2024

ट्रांसजेंडर लोगों को पायलट का लाइसेंस देने पर नहीं है कोई प्रतिबंध

DGCA

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हिलेरी के मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों को पायलट का लाइसेंस देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। डीजीसीए ने हिलेरी को चिकित्सा के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया था।
डीजीसीए ने, चिकित्सा सेवा महानिदेशालय के ग्रुप कैप्टन वाईएस दहिया का हस्ताक्षरित एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि डीजीसीए ने हिलेरी को व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस देने से कभी इन्कार नहीं किया। ट्रांसजेंडर लोगों के लाइसेंस हासिल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह जरूरी है कि वह विमानन नियम 1937 के तहत उम्र, शिक्षा और चिकित्सा जैसे अन्य मानदंड पूरे करता हो। लाइसेंस लेने के लिए मेडिकल फिटनेस बेहद जरूरी है।

बयान के मुताबिक, ट्रांसजेंडर व्यक्ति के संबंध में चिकित्सा मूल्यांकन होना आवश्यक है। साथ ही यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो तो हारमोन थेरेपी का इस्तेमाल कोई अयोग्यता नहीं है। डीजीसीए के मुताबिक हिलेरी के मामले में चिकित्सा को लेकर विश्वस्तरीय दिशा-निर्देशों का पालन किया गया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *