दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया।
केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है। सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी व रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सीएम के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ” पहला बिंदु गिरफ्तारी की आवश्यकता क्या है? जून में सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि सीबीआई की एफआईआर अगस्त 2022 की है। सीबीआई ने केजरीवाल को अप्रैल 2023 में बुलाया और नौ घंटे तक पूछताछ की, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।”
सिंघवी ने आगे कहा, “वर्ष 2022 की प्राथमिकी पर 2023 अप्रैल में पूछताछ की गई और अब जून 2024 में गिरफ्तार हुई है। ऐसे में गिरफ्तारी की तात्कालिकता या आवश्यकता नहीं हो सकती। एजेंसी को गिरफ्तारी का कोई कारण या आधार होना चाहिए। सिंघवी ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी मेमो में कुछ कारण होने चाहिए। केजरीवाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे। गिरफ्तारी मेमो उल्लेखनीय है, जिसमें क्यों, कैसे, किस प्रकार की जानकारी नहीं दी गई।”
इस पर अदालत ने पूछा कि आप गिरफ्तारी को रद्द करने और हिरासत से रिहा करने की मांग कर रहे हैं। सिंघवी ने हां में जवाब दिया तो अदालत ने पूछा क्या केजरीवाल ने जमानत याचिका दायर की है?
17 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
इस पर सिंघवी ने कहा, “अभी नहीं, लेकिन हम फाइल करने के हकदार हैं। मैं आपको अनौपचारिक रूप से बता सकता हूं कि हम जमानत के लिए याचिका दायर करने वाले हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी दायर नहीं किया गया है। अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी कर सीबीआई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले पर अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।