धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी छोटी सी भूमिका से रोपित सेवा का बीज आज वट वृक्ष बन चुका है। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि संस्था के अध्यक्ष आशीष ने सेवा की जो संकल्पना की है वह इस रूप में साकार होगी। इसके साथ ही मिशन के साथ 25 साल की उनकी यादें फिर से ताजा हो गई हैं।
विवार को चंडीघाट पुल के नीचे मां गंगा तट पर स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन परिसर में चल रहे रजत जयंती समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सौभाग्य से देवभूमि उत्तराखंड आने का अवसर उन्हें अनेक बार प्राप्त होता रहा है। इस पवित्र भूमि की यात्रा एक नई ऊर्जा का संचार करती है।