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निवेश एमओयू की ग्राउंडिंग के लिए एक नोडल अफसर होगा

Dehradun: वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले हो रहे प्रत्येक एमओयू के लिए शासन ने एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती की है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल आयुक्तों को ताकीद किया कि वे निवेशकों को भूमि व आवास संबंधी प्रस्तावों को तत्काल मंजूरी देने की प्रक्रिया अपनाएं।

उन्होंने विभागों को निर्देश दिए कि वे आइसोलेशन की कार्यसंस्कृति छोड़ें और कारपोरेट कार्यशैली की तरह काम करें। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों से प्रत्येक 15 दिन में भूमि स्वीकृति की रिपोर्ट देने को कहा। प्रमुख सचिव वन को वन स्वीकृति देने और प्रदूषण से संबंधित स्वीकृति के लिए डीआईजी फायर को नोडल बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने प्रत्येक निवेश प्रस्ताव के डेडिकेटेड फॉलोअप के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्त करने के आदेश दिए। यह नोडल अधिकारी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत हो रहे एमओयू के प्रस्तावों का पटवारी स्तर से सचिव स्तर तक व विभिन्न विभागों में तत्काल स्वीकृति सुनिश्चित कराएंगे।

इस कार्य के प्रशिक्षण के लिए 30 नवंबर को इंवेस्टमेंट ट्रैकिंग पोर्टल वर्कशाप आयोजित करने को कहा। कहा, सीएम के विजन के अनुरूप समिट से पहले सभी एमओयू की शत प्रतिशत ग्राउंडिंग की चुनौती का सामना सभी विभागों को कलेक्टिव ऑनरशिप के साथ करना होगा।

उत्तराखंड सरकार एवं कई कंपनियों के मध्य अभी तक 500 करोड़ या उससे अधिक के 25 एमओयू किए जा चुके हैं। अभी तक हुए कुल एमओयू में से 50 प्रतिशत से अधिक एमओयू पर्यटन के क्षेत्र में किए गए हैं। एसीएस ने पर्यटन विभाग को सबसे अधिक सक्रियता के साथ प्रस्तावों की ग्राउंडिंग पर कार्य करने की हिदायत दी। सभी विभागों को नसीहत दी कि किसी भी प्रोजेक्ट पर एमओयू होने के बाद से ग्राउंडिंग के लिए एक-एक दिन बेहद मूल्यवान हैं। कहा, विभागों को आइसोलेशन में कार्य करने की संस्कृति को समाप्त करना होगा। उन्होंने इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स की ग्राउंडिंग के लिए प्रत्येक स्तर पर फास्ट ट्रैक पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए एमओयू की प्रभावी ग्राउंडिंग से उत्तराखंड को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की संभावनाएं बढ़ेंगी। परिवहन विभाग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट व इलेक्ट्रिक बसों के क्षेत्र में रुचि दिखाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। कहा, देहरादून जैसे भीड़ वाले शहरों में ट्रैफिक की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने विभाग को राज्य के निवासियों एवं महिलाओं को ही ई-रिक्शा के आवंटन की संभावनाओं के आकलन के निर्देश दिए।

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