फ्रांस के राष्ट्रपति ने रूस के राष्ट्रपति से बात की, एर्दाेगन ने पुतिन से की युद्ध खत्म करने की अपील
मास्को। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच दुनिया के कुछ मुल्कों की ओर से गतिरोध को थामने की कोशिशें भी जारी हैं। इसी कवायद के मद्देनजर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एकबार फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन टेलीफोन पर बात की है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को हुई यह बातचीत लगभग एक घंटे 45 मिनट चली। इससे पहले पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन के साथ बातचीत की। इस बातचीत में तुर्की के नेता ने पुतिन से युद्ध खत्म करने की गुजारिश की।
इससे पहले पुतिन के साथ हुई बातचीत के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि यूक्रेन में अभी सबसे खराब स्थिति आनी बाकी है। तब भी बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। दरअसल पुतिन यूक्रेन के पूर्ण निशस्त्रीकरण के साथ उसे नाटो में नहीं जाने का लिखित आश्वासन चाहते हैं जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अपनी शर्तें हैं जिस पर वह भी अड़े हुए हैं। यही कारण है कि रूस और यूक्रेन के बीच सुलह समझौते की कवायद परवान नहीं चढ़ पा रही है।
मालूम हो कि इजरायल के प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट मास्को पहुंचकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक कर चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच शनिवार को यूक्रेन संकट पर चर्चा हुई थी। इस बातचीत के बाद बेनेट ने फोन पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की थी। बेनेट पहले भी पुतिन से फोन पर बात करते रहे हैं। उन्होंने गतिरोध को खत्म कराने के लिए मध्यस्थता किए जाने का प्रस्ताव भी रखा था। जानकारों की मानें तो बेनेट ने भी रूस और यूक्रेन के बीच समाधान का एक सम्मानजनक रास्ता निकालने की कोशिश की है
समाधान के लिए रूस और यूक्रेन के बीच भी दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। मौजूदा वक्त में रूस और यूक्रेन में भीषण लड़ाई जारी है जिसमें आम लोग भी मारे जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि रूसी हमले के बाद 15 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। यूक्रेन के लोगों ने पड़ोसी मुल्कों में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने यूक्रेन से हुए आम लोगों के विस्थापन को द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद का सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट करार दिया है।