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बागेश्वर, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में एक भी स्टार्टअप नहीं

Dehradun: पर्वतीय जिलों में बागेश्वर, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग में एक भी स्टार्टअप नहीं है। यह खुलासा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से हुआ है। अर्थ एवं संख्या विभाग के राज्य में चल रहे स्टार्ट पर कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, राज्य के पर्वतीय जिलों में कुल सर्वेक्षित स्टार्टअप का 15 फीसदी है। जबकि, 85 फीसदी स्टार्टअप मैदानी जिलों में हैं।

केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें बेशक राज्य के शिक्षित युवाओं और महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं, लेकिन पहाड़ में इसकी तस्वीर बहुत सुहावनी नहीं है। अलबत्ता मैदानी जिलों में स्टार्ट अप को लेकर खासतौर पर पुरुषों और युवाओं ने ज्यादा उत्साह दिखाया। सबसे अधिक 62 प्रतिशत सक्रिय स्टार्टअप देहरादून जिले में काम कर रहे हैं।

वर्ष 2023-24 में राज्य में पंजीकृत 152 स्टार्टअप का सर्वे में यह खुलासा हुआ कि 21 स्टार्टअप सहयोग न मिल पाने के कारण बंद पड़े थे जबकि 30 स्टार्ट अप निष्क्रिय मिले। इनमें से 53 प्रतिशत वित्तीय समस्याओं, 23 प्रतिशत सरकार का सहयोग न मिलने, 21 प्रतिशत निवेशकों की कमी और अनुपयुक्त क्षेत्र में काम करने से बंद हो गए। इनमें से क्रियाशील 101 स्टार्ट अप पब्लिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों, साझेदारी फर्म, सीमित देनदारी फर्म व अन्य रूप में संचालित हैं। सबसे अधिक 40 फीसदी सक्रिय स्टार्ट अप में एक लाख से 10 लाख तक की प्रारंभिक पूंजी निवेश हुआ। एक लाख से कम पूंजी निवेश वाले 30 प्रतिशत ,31 प्रतिशत 10 लाख उससे अधिक पूंजी वाले हैं। विनिर्माण पर आधारित स्टार्ट सबसे अधिक सकल मूल्य वृद्धि वाले हैं।

स्टार्टअप में पुरुषों का दबदबा
कुल संचालित 101 स्टार्टअप में पुरुषों का दबदबा है। 76 प्रतिशत स्टार्ट के संस्थापक पुरुष हैं, जबकि 24 प्रतिशत के महिला। 30 वर्ष से कम आयु के संस्थापकों में 27 प्रतिशत पुरुष व सात प्रतिशत महिलाएं, जबकि सर्वाधिक 14 प्रतिशत महिलाएं 30 से 45 आयु वर्ग की संस्थापक हैं। इसी आयु वर्ग 36 प्रतिशत पुरुष संस्थापक मिले।

नीतियां व्यावहारिक बनें, कॉर्पस फंड की व्यवस्था हो
सर्वे में स्टार्टअप स्वामियों, साझेदारों और संचालकों ने नीति को और अधिक व्यावहारिक बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्टअप इको सिस्टम को बढ़ाने पर बल दिया और नए विचारों को बाजार और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग के तहत एक कॉपर्स फंड बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इन्क्यूबेशन सेंटर व स्टार्टअप स्वामियों के मध्य परस्पर समन्वय को मजबूत करने के लिए औद्योगिक इकाइयों के साथ समय-समय पर औद्योगिक मीट कराने पर जोर दिया।

सबसे अधिक स्टार्टअप कृषि और विनिर्माण पर आधारित
सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में सबसे अधिक 14-14 प्रतिशत कृषि व विनिर्माण से जुड़े हैं। 11 प्रतिशत आईटी परामर्श व समाधान से, आठ-आठ प्रतिशत शिक्षा व टूरिज्म से, सात प्रतिशत खाद्य से छह प्रतिशत स्वास्थ्य व जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं। इनके अलावा उद्यम एवं सामाजिक उद्यम, परिवहन व रसद, दो-दो प्रतिशत मीडिया और मनोरंजन, वित्तीय सेवाएं, ऊर्जा व नवीनीकरण ऊर्जा से जुड़े हैं।

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