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भाजपा ने अब हरिद्वार, गढ़वाल, टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा पांचों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी

Dehradun: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड में आज हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर बने सस्पेंस को दूर करते हुए प्रत्याशियों की घोषणा कर फिर चौंका दिया। कहा जा रहा था कि इन दो सीटों पर पार्टी प्रयोग कर सकती है। ऐसा हुआ भी, भाजपा ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों का पत्ता काटकर पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव लगाया है। अनिल बलूनी पीएम मोदी के भी करीबी माने जाते हैं। वहीं, अभी तक गढ़वाल सीट से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और हरिद्वार से पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को राजनीतिक अवसर का इंतजार था। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में उनके पास राजनीतिक वनवास से लौटने का मौका होगा।

पहली सूची में भाजपा ने टिहरी गढ़वाल, नैनीताल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किए थे। इन तीनों ही सीटों पर प्रत्याशी रिपीट किए गए थे। टिहरी गढ़वाल सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट और अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है।

उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीट हैं। भाजपा इस बार पांचों सीटों में जीतकर हैट्रिक बनाना चाहती है। वहीं, कांग्रेस ने अभी केवल तीन ही सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है।

पार्टी ने पांचों सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। भाजपा प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतेगी। लोक पर्व ईगास को नई पहचान देने, पलायन रोकने, नई ट्रेन संचालन कराने समेत कई जनहित के कार्य कराने वाले अनिल बलूनी गढ़वाल सीट से उम्मीदवार हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर लोक कल्याण के कई बड़े काम कराने का श्रेय त्रिवेंद्र सिंह रावत को है। उन्हें हरिद्वार से उम्मीदवार बनाया गया है। मैं दोनों प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देता हूं।
– महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

वहीं, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार से लोकसभा का प्रत्याशी घोषित होने पर पार्टी अध्यक्ष, गृहमंत्री शाह और पीएम मोदी का अभार जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मां गंगा के द्वार हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता रहा है। इसी लोकसभा के डोईवाला विधानसभा की जनता ने मुझे विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। उनका प्यार सदा मेरे साथ रहा है और मैंने भी उनके भरोसे को कभी भी टूटने नहीं दिया और पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ वर्षों तक एक जनसेवक की भांति अपने कर्तव्यों का पालन किया, ताकि कभी भी मेरे कारण उन्हें सिर न झुकाना पड़े।

संघ के प्रचारक से सीएम की कुर्सी तक ऐसे पहुंचे थे त्रिवेंद्र सिंह रावत

त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर 1979 में शुरू हुआ था। इसी वर्ष त्रिवेंद्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। 1981 में उन्होंने संघ के प्रचारक के रूप में काम करने का संकल्प लिया। 1985 में त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून महानगर के प्रचारक बने। इसके बाद  1993 में वे भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बने। इस दौरान वे पार्टी में अहम भूमिका में रहे। इसके बाद 1997 में त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने। साल 2002 में वे दोबारा भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने।

2002 में उन्होंने डोईवाला विधानसभा से चुनाव लड़ा। उन्होंने विधानसभा चुनाव में डोईवाला सीट से जीत हासिल की थी। 2007 में डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में वे विजयी हुए। भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। 2017 में डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए। इसके बाद 17 मार्च 2017 को उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद मार्च 2021 में उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।

अनिल बलूनी प्रोफाइल

गांव                 –  डांडा नागराजा, नकोट गांव, पौड़ी
कॅरियर            –   बतौर पत्रकार शुरूआत, बाद में राजनीति में प्रवेश
चुनाव               –  2002 के विधानसभा चुनाव में कोटद्वार सीट से भागीदारी, राज्यसभा
से सांसद रहे
सरकारी दायित्व  – निशंक सरकार में वन्य एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष
दायित्व-             – भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया विभाग के प्रमुख

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