महिला के लिए मातृत्व महान आशीर्वाद : हाईकोर्ट

Dehradun: एक महिला के लिए मातृत्व महान आशीर्वाद में से एक है। इस कारण उसे सार्वजनिक रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी जिन्हें गर्भावस्था के चलते सरकारी विभाग नौकरी ज्वाइन कराने से बचते रहे हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश का लाभ उन गर्भवती महिलाओं को भी मिलेगा जो कई कारणों के चलते ऐसे मामलों में कोर्ट तक पहुंच नहीं पाती हैं।
पिछले दिनों मिशा उपाध्याय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन उसे 13 हफ्ते की गर्भवती होने के कारण नर्सिंग अधिकारी के रूप में शामिल करने से मना कर दिया जबकि 23 जनवरी को डीजी हेल्थ की ओर से उसे नर्सिंग अधिकारी के पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा था। कोर्ट ने इस प्रकरण में बीडी पांडे अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक गर्भवती को ज्वाइनिंग देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि गर्भवती होना किसी भी रोजगार के लिए अयोग्यता नहीं है। एक महिला मातृत्व अवकाश की हकदार है।