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राशन कार्डों को लोग धड़ाधड़ कर रहे सरेंडर

rasan card

प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की लाइन अलग-अलग जनपदों के जिला पूर्ति कार्यालय में लग रही है। हालांकि उपभोक्ताओं की ओर से राशन कार्ड की पात्रता और अपात्रता को लेकर अब भी दुविधा बनी हुई है।

दरअसल, विभाग की ओर से कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं होने से लोग असमंजस में हैं। वर्तमान में प्रदेश में तीन प्रकार के कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें अंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड), राष्ट्रीय खाद्य योजना का सफेद कार्ड और इससे ऊपरी वर्ग के लोगों के लिए पीला कार्ड है। तीनों कार्ड बनाने की अलग-अलग शर्तें हैं।

उपभोक्ताओं के इसी असमंजस को दूर करने के लिए अमर उजाला और संवाद की टीम ने प्रदेश के सभी जिलों में अब तक जमा राशन कार्ड के बारे जानकारी एकत्र करने के साथ उपभोक्ताओं की समस्याओं को समझा और उन्हें इस खबर के माध्यम से दूर करने का प्रयास भी किया है।

गुलाबी कार्ड धारक 

वार्षिक आमदनी 15 हजार से कम होनी चाहिए। साथ ही इनकम का कोई स्रोत न हो या वह दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग, जिसका कोई सहारा न हो।
सफेद कार्डधारक : परिवार की वार्षिक आय 15 हजार से ऊपर नहीं होनी चाहिए। सरकारी नौकरी, रिटायर्ड पेंशनर्स, आयकर दाता और दो हेक्टेयर भूमि वाले इस श्रेणी में नहीं आएंगे। इसमें अन्य मानक भी तय किए गए हैं।

पीला कार्ड 

डेढ़ लाख से अधिक आय वाले और पांच लाख से कम आए वाले उपभोक्ता पीले कार्ड के हकदार होते हैं। पांच लाख से अधिक आय वाले परिवारों को पीले कार्ड जमा कराने होंगे। खाद्य पूर्ति विभाग का कहना है कि गांव से लेकर शहर तक इस बारे में प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।

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