लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होते ही भाजपा में भीतरघात की बात खुलकर सामने आ गई
अल्मोड़ा: लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होते ही भाजपा की अंदरूनी कलह और भीतरघात की बात खुलकर सामने आ गई है। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत के बीच तलवारें खींच गई हैं। दोनों ने एक-दूसरे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा के मजबूत संगठन के दावों के बीच अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। इसके बावजूद भाजपा ने संगठन और कार्यकर्ताओं के दम पर सभी सीटें जीतने का दावा कर हर मंच पर संगठन को मजबूत दिखाने को कोशिश की है। इन दावों की पोल उनकी ही पार्टी के विधायक और दर्जा मंत्री ने एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी देकर खोल दी है।
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भतरौंजखान में एक प्रधान और विधायक के भाई-भांजे के बीच हुए विवाद के बाद उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत और विधायक प्रमोद नैनवाल आमने-सामने हैं। मंगलवार को सीम के प्रधान संदीप खुल्बे ने विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए भजरौंजखान थाने में तहरीर दी थी। इधर, सतीश नैनवाल ने और संदीप बधानी ने भी प्रधान पर गालीगलौज और मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। केस दर्ज नहीं होने पर अगले दिन प्रधान के पक्ष में दर्जा मंत्री कैलाश पंत अपने समर्थकों के साथ थाने मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे। इधर, दूसरे पक्ष के समर्थक भी थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।