Sun. Dec 22nd, 2024

व्यक्तिगत लाभ के लिए शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड का गबन किया गया

आयकर विभाग ने अपनी जांच में पाया कि एक शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम का गबन इसके प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए गया गया। इस ट्रस्ट का मालिकाना हक रहने वाले समूह के देश और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेज हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 14 मार्च को इस समूह के महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु स्थित 25 से अधिक परिसरों पर छापे मारे गए।   सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि छापे की कार्रवाई एक शैक्षणिक संस्थानों के पॉपुलर चेन के खिलाफ की गई। यह समूह भारत और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करता है। जांच में पाया गया कि ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम समूह के प्रमोटरों और उनके परिजनों के व्यक्तिगत फायदे के लिए चोरी की गई। यह सब आयकर कानून के तहत ट्रस्ट को मिली छूट संबंधी नियमों का उल्लंघन कर किया गया। छापे के दौरान 27 लाख अघोषित नकदी और 3.90 करोड़ कीमत के आभूषण जब्त किए गए। बयान में दावा किया गया है कि ट्रस्ट के फंड से गबन के लिए जो मॉडस ऑपरेंडी अपनाई गई उसके तहत विभिन्न डमी कंपनियों से सामान व सेवाओं की खरीद के फर्जी बिल दिखाकर पैसा लिया गया। जांच में पता चला कि इन कंपनियों या अन्य से कोई सामान या सेवा वास्तव में ली ही नहीं गई। गबन किए गए पैसों का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति की खरीद और अनुचित भुगतान में किया गया।

महाराष्ट्र, पुडुचेरी और तमिलनाडु में खरीदी गई दो दर्जन से अधिक अचल संपत्तियों का भी पता चला है। ये या तो बेनामी संपत्तियां हैं या फिर इनका आयकर रिटर्न में जिक्र नहीं किया गया। छापे में हुंडी पर 55 करोड़ रुपये का उधार लेने के साक्ष्य (व्यापार और क्रेडिट लेनदेन का एक अवैध रूप) और उनका भुगतान नकद में डिस्चार्ज्ड प्रॉमिसरी नोट्स, जारी किए गए वचन पत्र और विनिमय के बिल हैं। इन्हें भी जब्त किया गया है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *