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सीएम धामी बोले- गर्व भरे क्षण, रजत जयंती वर्ष में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी सोने पर सुहागा

Dehradun: उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आज रंगारंग प्रस्तुतियों के बीच आगाज होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए गर्व भरा क्षण हैं। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी सोने पर सुहागा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, राष्ट्रीय खेलों में राज्य के पदकवीरों को सरकार नकद पुरस्कार तो देगी ही जो प्रतिभाग करेंगे उन्हें पुरस्कृत भी करेंगे। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के खेलों के भविष्य के लिए कितनी फायदेमंद साबित होने जा रही है और ये राज्य के खिलाडियों के पलायन को रोकने में कितनी प्रभावी साबित होगी। इस पर सीएम ने खुलकर बात की। पेश है सीएम धामी से बातचीत के प्रमुख अंश:-

ये गौरव के क्षण हैं

प्रश्न- राज्य स्थापना के रजत उत्सव वर्ष में प्रवेश कर चुके उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। इसे कैसे देखते हैं ?
उत्तर- यह उत्तराखंड के लिए गर्व भरे क्षण हैं। रजत जयंती वर्ष में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी सोने पे सुहागा जैसी है। यह किसी व्यक्ति या विभाग विशेष का आयोजन नहीं है, बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड का आयोजन है। मैं आश्वस्त हूं कि सभी के सहयोग से हम राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन करेंगे।

हमने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से ढांचागत सुविधाओं की तस्वीर बदली

प्रश्न- राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले उत्तराखंड राज्य में खेलों के लिए ढांचागत सुविधा बेहद सीमित थी। राष्ट्रीय खेलों के लिए हमने इसमें कितना सुधार किया ?
उत्तर- हमारे प्रदेश में पहले खेलों के लिए ढांचागत सुविधाएं सीमित थीं। मगर अब ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से तस्वीर बदल गई है। हमने करीब 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया ताकि खेलों के लिए ऐसा आधारभूत ढांचा तैयार हो जाए, जो असाधारण है। मैदान से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों तक को ध्यान में रखा गया है।

हम राज्य में ही बेहतर अवसर पैदा कर रहे हैं

प्रश्न- पुरानी और नई सरकारें पलायन को लेकर हमेशा चिंतित रही हैं । राज्य में खिलाड़ियों का भी तेजी से पलायन हुआ है।
उत्तर- उत्तराखंड में पलायन हमेशा से एक बड़ा और संवेदनशील मुद्दा रहा है। राज्य से बाहर बेहतर अवसर की तलाश में लोग पलायन करते हैं। राज्य में ही बेहतर अवसर तैयार करने की हमारी पूरी कोशिश है। हमने नई नीतियां बनाई हैं, ताकि उन्हें रोजगारपरक बनाया जाए। हम चाहते हैं कि हमारे लोग रोजगार लेने वाले ही नहीं रोजगार देने वाले भी बनें।
पलायन रोकने के लिए कई कदम उठाए, खिलाड़ी राज्य में वापसी करेंगे
प्रश्न- खिलाड़ियों का पलायन रोकने के लिए सरकार ने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं? राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी खिलाड़ियों को अपने राज्य से खेलने के लिए प्रेरित करने में कितनी सहायक होगी ?
उत्तर- खिलाड़ियों के पलायन को रोकने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। आधारभूत ढांचा तो विकसित किया ही जा रहा है। हमने खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि भी दोगुनी कर दी है। बड़ी खेल स्पर्धाओं में पदक लाने वाले खिलाड़ियोें को तो नगद पुरस्कार दिया ही जा रहा है, उन खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत कर रहे हैं जिन्होंने सिर्फ प्रतिभाग किया हो। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद यहां के खिलाड़ी अपने राज्य से ही खेलने को प्रेरित होंगे।

घर में खेलने का अलग आत्मविश्वास होता है

प्रश्न- राष्ट्रीय खेलों में अपने राज्य के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर आप क्या अपेक्षा रखते हैं?
उत्तर- उत्तराखंड के खिलाड़ी सामान्य स्थितियों में ही अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। अपने घर में राष्ट्रीय खेल आयोजित होने से जाहिर तौर पर उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। मैं उत्तराखंड के खिलाड़ियोें के अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त हूं। अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।

मोदी के पीएम बनने के बाद खेलों का अभूतपूर्व विकास हुआ

प्रश्न-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करने आ रहे हैं। भविष्य की खेल योजनाओं और राज्य के विकास को लेकर उनसे क्या अपेक्षाएं हैं ?
उत्तर-यह हमारा परम सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के लिए उत्तराखंड आ रहे हैं। उनके पीएम बनने के बाद से खेलों के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। खेलो इंडिया खेलो जैसे आयोजन से दूरगामी सोच को समझा जा सकता है। ऐसे में उनसे अलग से अपेक्षा रखने का कोई सवाल ही नहीं है। उत्तराखंड से उनका खास लगाव है। विकास कार्यों के लिए हमारे प्रस्तावों पर केंद्र सरकार भरपूर सहायता कर रही है।

राष्ट्रीय खेलों से बदलेगी पर्यटन सेक्टर को लाभ मिलेगा

प्रश्न-पर्यटन राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में किस तरह मददगार हो सकता है ?
उत्तर- राष्ट्रीय खेलों में वॉटर स्पोर्ट्स की स्पर्धाएं भी हो रही हैं। खेलों का यह स्वरूप पर्यटन गतिविधियों से मजबूती से जुड़ा रहा है। इस आयोजन के बाद ऐसी गतिविधियां बढे़ंगी। पूरे देश से आने वाले मेहमान हमारे यहां के पर्यटन स्थलों से और ज्यादा परिचित होंगे। हमारे पर्यटन स्थलों का एक्सपोजर मिलेगा। इसका लाभ हमें आने वाले दिनों में मिलेगा।

राज्य में खेल गतिविधियों बढ़ेंगी हमें आर्थिक लाभ भी होगा

प्रश्न-राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल ढांचा तैयार हो चुका है और भविष्य में खेल ढांचे की खेल गतिविधियों और आर्थिक मजबूती में क्या भूमिका होगी ?
उत्तर- हमारे यहां खेलों का मजबूत ढांचा तैयार हो चुका है। हम इसे खेल अकादमी के तौर पर संचालित करने का प्रयास करेंगे। हमारी प्राकृतिक व पर्यावणीय और कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है। दिल्ली से देहरादून की दूरी घटी है। यहां खेल गतिविधियां बढे़ंगी तो जाहिर तौर पर आर्थिक दृृष्टिकोण से भी इसका लाभ मिलेगा।

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