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सेना में भर्ती को लेकर मचा बवाल

भारतीय सेना में भर्ती को लेकर बवाल मचा हुआ है। संसद में भी इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के उत्तर में बोलते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि भारतीय सेना में भर्ती मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए स्थगित की गई है।

उन्होंने कहा कि भले ही कोरोनावायरस संक्रमण धीमा हो गया है, लेकिन यह अभी खत्म नहीं हुआ है। भारतीय सेना में भर्ती के लिए युवाओं की बड़ी भीड़ आती है। इस उद्देश्य के लिए बड़े भर्ती मेलों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। अजय भट्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने इसे रोका नहीं है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने यह जवाब राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के लिखित जवाब में दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण राजस्थान सहित पूरे देश में सभी रिक्रूटमेंट और जोनल रिक्रूटमेंट जोन ऑफिस ने भर्ती रैलियों पर अगले आदेश तक रोक लगा रखी है। कोरोना की स्थिति में सुधार होने तक इस पर रोक लगी रहेगी।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक प्रश्न के पूरक के लिखित उत्तर के में कहा कि 2020 में भारत में महामारी की शुरुआत के बाद 2020-21 और 2021-22 के दौरान भारतीय सेना में भर्ती निलंबित रही। हालांकि, 2020-21 में भारतीय नौसेना में 2,722 व्यक्तियों और भारतीय वायु सेना में 8,423 व्यक्तियों को नामांकित किया गया था। इसी तरह 2021-22 में भारतीय नौसेना में 5,547 और भारतीय वायुसेना में 4,609 लोगों को नामांकित किया गया था।

2018-19 में 53,431 उम्मीदवारों को भारतीय सेना में नामांकित किया गया था, जबकि 2019-20 में यह संख्या 80,572 थी। लिखित उत्तर में यह भी कहा गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों की जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त भर्ती की जाती है। एनसीपी सदस्य वंदना चव्हाण द्वारा सशस्त्र बलों में लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं की भर्ती पर पूछे गए पूरक प्रश्न के बारे में भट्ट ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भर्ती के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है और अन्य मुद्दों  पर विचार किया जा रहा है।

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