हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में आज छठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पंड्या ने 2661 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान कीं।
इसमें 2017 से 2022 तक के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट के विभिन्न पाठ्यक्रमों के उत्तीर्ण विद्यार्थी हैं। इनमें पीएचडी के 72, पोस्ट ग्रेजुएट के 941, ग्रेजुएट 1157, डिप्लोमा के 187, सर्टिफिकेट कोर्स के 304 युवा शामिल हैं। खास बात यह है कि समारोह में डिर्ग्री पाने वाले युवाओं में 60 फीसदी से अधिक छात्राएं हैं।
विवि की ओर से 2017 से 2022 तक के शैक्षिक सत्र का दीक्षांत समारोह मनाया। जिसमें 2017 की उर्वशी शर्मा, 2018 की वंदना आर्य, 2019 की चित्रा कश्यप, 2020 की रूपम, 2021 की चित्रा कश्यप, 2022 की अंजलि पुंडीर टॉपर छात्राएं रहीं। जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष ने स्वयं अपने हाथों से डिग्री और मेडल देकर सम्मानित किया।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है। यहां से शिक्षित विद्यार्थी जहां भी जाएं, दुखियों का सहारा बनें। अंधेरे के लिए सवेरा बनें। उन्होंने कहा कि यहां केवल आध्यात्मिक और आधुनिक शिक्षा ही नहीं जीवन प्रबंधन भी सिखाया जाता है। आज भारत दमदार ढंग से दुनिया में नेतृत्व कर रहा है। दुनिया को नई दिशा देने का काम कर रहा है। इसमें युवाओं की बौद्धिक क्षमता की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि भौतिकवाद में रहने वाले दुनिया के लोग भी शांतिकुंज जैसे स्थानों पर शांति प्राप्त करने के लिए आते हैं। डेमोक्रेसी और डेमोग्राफी भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। भारत के पास जीवंत और सशक्त लोकतंत्र है। दुनिया में सबसे अधिक कार्यशील जनसंख्या है। जिससे विज्ञान और आध्यात्म के बल पर भारत दुनिया का भी नेतृत्व में करेगा।
समारोह के अध्यक्ष कुलाधिपति डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि देसंविवि एकमात्र विवि है। जहां ज्ञानदीक्षा समारोह होता है। जिसके माध्यम से युवाओं को चरित्रवान एवं निष्ठावान छात्र बनने की प्रतिज्ञा कराई जाती है। उन्होंने कहा कि यहां से उत्तीर्ण होकर नए जीवन में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राएं विवि से प्राप्त गुणों का अन्यों में भी प्रसार करेंगे।
इससे पूर्व कुलपति शरद पारधी ने विवि की प्रगति का ब्योरा प्रस्तुत किया। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने दीक्षांत समारोह की पृष्ठभूमि के बारे में बताया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, डॉ. अनिता बिड़ला, कुलाधिपति डॉ. प्रणव पंड्या ने दीक्षांत समारोह स्मारिका, अनाहत, संस्कृति संचार, अंतरराष्ट्रीय जनरल आदि का विमोचन भी किया। कुलाधिपति डॉ. प्रणव पंड्या ने लोकसभा अध्यक्ष को गंगाजली, स्मृति चिह्न एवं विवि के विशेष साहित्य भेंटकर सम्मानित किया।
लोस अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कार्यक्रम से पहले प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा की और मंदिर परिसर में रक्त चंदन के पौधे रोपे। इसके बाद उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों की याद में बनी शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की।
देव संस्कृति विवि के युवा कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में चमक बिखरते हुए समाज को नई दिशा देने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसमें छात्रों की ओर से लघु नाटिका ने खूब तालियां बटोरी। इस दौरान गढ़वाल से लेकर दूसरे राज्यों के लोक नृत्य आकर्षण का केंद्र रहे।