Fri. Nov 22nd, 2024

अंगदान पंजीकरण कराने में उत्तराखंड देश में दूसरे स्थान पर

Dehradun: उत्तराखंड में अब तक 73,682 दानवीरों ने अंगदान का संकल्प लिया है। आयुष्मान भव अभियान के तहत एक पखवाड़े में तीन हजार से अधिक लोगों ने अंगदान के लिए पंजीकरण किया है। प्रदेश की कुल आबादी के सापेक्ष अंगदान पंजीकरण में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है, जबकि तेलंगाना पहले और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया, 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक सेवा पखवाड़े में प्रदेशभर में 3059 लोगों ने राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

अब अंगदान पंजीकरण का आंकड़ा 73 हजार पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भव अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले अंगदान करने वाले दानियों को प्रशस्तिपत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करेंगे।

एक लाख की आबादी में औसतन 24 लोगों का पंजीकरण
उत्तराखंड में अंगदान के लिए एक लाख की आबादी पर औसतन 24 लोगों ने पंजीकरण कराया है, जबकि तेलंगाना में एक लाख पर 18 लोगों ने पंजीकरण कराया। अंगदान में महाराष्ट्र चौथे, कर्नाटक पांचवें व आंध्र प्रदेश छठे स्थान पर है।

नैनीताल जिले में सर्वाधिक पंजीकरण
आयुष्मान भव: अभियान के तहत चलाए गए सेवा पखवाड़े में नैनीताल जिले में सबसे अधिक 872 लोगों ने पंजीकरण कराया, जबकि पिथौरागढ़ में 493, चमोली 340, देहरादून में 201, टिहरी 188, अल्मोड़ा 187, ऊधमसिंह नगर 118, पौड़ी 103, बागेश्वर 100, उत्तरकाशी 85, चंपावत 76, हरिद्वार 42, रुद्रप्रयाग में 23 लोगों ने राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कराया। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभियान के तहत रक्तदान एवं अंगदान पंजीकरण, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, सिकल सेल उन्मूलन बेहतर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित किया जाएगा।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *