Fri. Nov 22nd, 2024

दून-पिथौरागढ़ में इस वजह से कॉरिडोर बनने में बाधा

Dehradun: प्रदेश में ड्रोन गतिविधियों को बढ़ावा देने, एक जिले से दूसरे में सामान भेजने, आपदा में मदद के मकसद से धामी सरकार ने ड्रोन नीति पर मुहर तो लगा दी लेकिन ड्रोन उड़ाने के रास्ते ही नहीं बन पा रहे। ड्रोन कॉरिडोर पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्णय लेना है लेकिन दो बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी बात नहीं बन रही है।

ड्रोन नीति पर कई माह पहले कैबिनेट ने मुहर लगा दी थी। इसकी अधिसूचना भी जारी होने वाली है। इस नीति से करीब एक साल पहले से ही सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ड्रोन काॅरिडोर बनाने की कवायद में जुटा है। इसके लिए डीजीसीए को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर प्रस्ताव भेजा गया लेकिन जवाब का इंतजार है।

अब शासन स्तर से रिमाइंडर भेजा जाएगा। दरअसल, ड्रोन काॅरिडोर का चिह्निकरण डीजीसीए की अनुमति बिना संभव नहीं है। पिथौरागढ़ पूरा रेड जोन है, जहां ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता। देहरादून में भी करीब 70 प्रतिशत हिस्सा रेड जोन में आता है। चमोली, उत्तरकाशी में भी काफी इलाका ऐसा है।

चूंकि सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं, इसलिए वहां गृह या रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बिना ड्रोन कॉरिडोर बनाना संभव नहीं है। लिहाजा, प्रदेश में ड्रोन उड़ाने की योजना तभी सफल होगी, जबकि केंद्र सरकार इसमें सहयोग प्रदान करे। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना है कि पूर्व में प्रस्ताव भेजा गया था, अब रिमाइंडर भेजा जा रहा है। उम्मीद है कि कॉरिडोर की राह आसान होगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *