भानियावाला से ऋषिकेश तक बनेगा फोर लेन

Dehradun: भानियावाला-ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित फोर लेन मार्ग के टेंडर दोबारा जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद जल्द ही फोर लेन मार्ग के लिए कार्य शुरू किए जाने की उम्मीद जगी है। भानियावाला-ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित करीब 23 किलोमीटर लंबे फोर लेन मार्ग में एयरपोर्ट-भानियावाला के बीच चार किलोमीटर मार्ग को सिक्स लेन बनाया जाएगा।
भानियावाला-ऋषिकेश मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ट्रांसफर हो चुका है। जिसे भारत सरकार से फोर लेन बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसी मार्ग के एयरपोर्ट-भानियावाला के बीच चार किलोमीटर के हिस्से को सिक्स लेन बनाया जाएगा। भानियावाला-ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित फोर लेन और एयरपोर्ट-भानियावाला के बीच सिक्स लेन का निर्माण करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। भानियावाला-ऋषिकेश के बीच दून जायका होटल से लेकर डांडी तक करीब आठ किलोमीटर तक पहले ही लोनिवि की ओर से फोर लेन मार्ग बनाया जा चुका है। जिसके बाद इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ट्रांसफर कर दिया।
डांडी से आगे नटराज चौक तक करीब दस किलोमीटर मार्ग को फोर लेन किया जाएगा। वहीं दशकों पुराने भानियावाला मुख्य बाजार को तोड़कर वर्तमान टू लेन मार्ग को फोर लेन किया जाएगा। जिसके लिए प्रभावित लोगों व दुकानदारों को मुआवजा आदि देकर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कुल 30 मीटर चौड़े मार्ग पर फोर लेन में साढे़ सात मीटर की दो सड़कें और सिक्स लेन में नौ मीटर की दो सड़कें होंगी। बाकी फुटपाथ और डिवाइडर होंगे। अगले छह माह बाद मार्ग निर्माण का कार्य शुरू होने की संभावना जताई गई है।
भानियावाला-ऋषिकेश मार्ग को फोर लेन बनाने के लिए करीब एक साल पहले टेंडर जारी किए गए थे। जिसमें भानियावाला से लेकर एयरपोर्ट के पास तक 2.2 किलोमीटर फ्लाई ओवर बनाया जाना प्रस्तावित था। लेकिन लोगों के विरोध और एयरपोर्ट विस्तारीकरण के कारण 2.2 किमी फ्लाईओवर को रद्द कर दोबारा टेंडर किए गए हैं।
डांडी से लेकर नटराज चौक तक वन क्षेत्र में फोर लेन के साथ ही पांच हाथी पास बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सात मोड और अन्य मोड को भी सीधा किया जाएगा। सभासद ईश्वर रौथाण ने बताया कि भानियावाला मुख्य बाजार प्रभावितों को मुआवजा दिया जा चुका है। लेकिन आबादी क्षेत्र के मकान और दुकान स्वामियों को सिर्फ निर्माण का मुआवजा दिया है। उन्हें जमीन को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। मुआवजा 6600 रुपये वर्ग मीटर दिया गया, जो नए सर्किट रेट से कम है। जिसके लिए प्रभावित कोर्ट गए हैं।