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धामी सरकार ने पेश किया 89230.07 हजार करोड़ का बजट

Dehradun: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट रखा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश हो रहे इस बजट का आकार करीब 90 हजार करोड़ तक का हो सकता है।

बजट में जानें क्या मिली सौगात

धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया। राजस्व के लिए लेखे का व्यय 55815.77 करोड़ और पूंजीगत लेखे का व्यय 33414.30 करोड़ रहा। राजस्व घाटा अभी अनुमानित नहीं है।

  • सभी जिलों में हवाई संपर्क
  • असुरक्षित पुलों से छुटकारा
  • सरकारी विद्यालयों में आवश्यक फर्नीचर की उपलब्धि
  • सभी जिलों में स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना
  • जनपद मुख्यालयों में ऑडिटोरियम और संस्कृति केंद्रों की स्थापना
  • सभी जिला मुख्यालयों में स्टेडियम
  • प्रदेश से बाहर छात्रों को शैक्षिक भ्रमण

समग्र विकास पर आधारित बजट लेकर आई है सरकार: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, सरकार जेंडर बजट के साथ राज्य के समग्र विकास पर आधारित बजट लेकर आई है। सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड पर केंद्रित है। प्रदेश सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर सरकार बजटीय प्रावधान और नई योजनाओं का स्वरूप निर्धारित करेगी।

सदन में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पेश कर रहे बजट

सदन में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बजट पेश कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में विकास की संभावनाओं का नियंत्रित दोहन करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप के तहत सरकार को पर्यटन, उद्यान, आयुष, सेवा, उद्योग, अवस्थापना विकास, तीर्थांटन और नई टाउनशिप के क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीन पर उतारना है।

अभिभाषण पूरी तरह से निराशाजनक : यशपाल आर्य

इससे पहले विधानसभा सत्र में पहले राज्यपाल द्वारा दिए गए अभिभाषण को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार के विजन का रोडमैप होता है। लेकिन अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। पुराने संकल्पों को दोहराया गया है। अभिभाषण पूरी तरह से निराशाजनक है। आर्य ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण प्रदेश सरकार का एक दस्तावेज होता है। प्रदेश की जनता को उम्मीद होती है कि सरकार अभिभाषण में राज्य के विकास को लेकर अपना विजन रखेगी। लेकिन इसमें नया कुछ नहीं है। पिछले वर्ष सरकार ने जो संकल्प लिए थे। उन्हीं को दोहराया गया है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार किस दिशा में काम कर रही है।

गैरसैंण में बजट सत्र न करने विपक्ष ने सरकार को घेरा

बजट सत्र गैरसैंण में न कराए जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधायकों, पूर्व मंत्रियों व कार्यकर्ताओं के साथ गांधी पार्क में एक घंटे का मौन उपवास किया। उन्होंने कहा कि सत्र को गैरसैंण में न कर भाजपा राज्य निर्माण भावना का अपमान कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बजट सत्र को गैरसैंण में करने का निर्णय विधानसभा के संकल्प के रूप में लिया गया था। लेकिन, भाजपा की सरकार ने बजट सत्र वहां न कर उत्तराखंड की जनता और राज्य निर्माण की भावना का अपमान किया है। साथ ही यह उत्तराखंड के शहीदों का भी अपमान है। कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन सहित कई आधारभूत ढांचे का निर्माण भी वहां किया था।
विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र शुरू हो गया, जिसमें अभी प्रश्नकाल चल रहा है। कल 28 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा। 29 को विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होगी।

सशक्त उत्तराखंड पर केंद्रित होगा बजट

विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाला धामी सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड पर केंद्रित होगा। प्रदेश सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश के सबसे अग्रणी राज्यों में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर सरकार बजटीय प्रावधान और नई योजनाओं का स्वरूप निर्धारित करेगी।
करीब 90 हजार करोड़ तक का हो सकता है बजट का आकार
वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश सरकार ने 77,407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें 52,747 करोड़ राजस्व व्यय और 24,659.37 पूंजीगत व्यय का प्रावधान रखा गया था। अनुपूरक बजट को शामिल करते हुए बजट का आकार 88,571.94 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

धामी सरकार ने 89230.07 हजार करोड़ का बजट पेश किया। उत्तराखंड की विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 24 वर्ष में आज पहली बार प्रदेश सरकार मंगलवार को भोजनावकाश से पहले 12.30 बजे विधानसभा में बजट पेश किया है। वित्त और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया, सरकार नई परंपरा शुरू की है।

अभी तक विधानसभा के पटल पर भोजनवकाश के बाद शाम चार बजे बजट पेश करने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार यह परंपरा टूट गई। सत्र की शुरुआत प्रश्नकाल हुई। इसके बाद सरकार ने पटल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट रखा। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में बजट पेश कर रहे हैं।

इसके बाद राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा शुरू हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, बजट का आकार 89 हजार करोड़ से 90 हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश हो रहे इस बजट के लोकलुभावन होने की संभावना भी जताई जा रही है।

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