विधानसभा हो या लोकसभा, महिलाएं पुरुषों से ज्यादा मतदान कर रहीं
Dehradun: महिलाएं पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के सामाजिक और आर्थिक सरोकारों की धुरी मानी जाती हैं। लोकतंत्र के चुनावी पर्व में भी अपनी भागीदारी को लेकर उनकी संजीदगी राज्य के सभी मतदाताओं के लिए एक प्रेरणा है। पिछले तीन विस और दो लोकसभा चुनावों के मतदान के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं।
वे अपने सरोकारों और जिम्मेदारियों को लेकर जितनी जागरूक हैं, उतनी ही संजीदा वोट के महत्व को लेकर भी हैं। ये उनकी जागरूकता का परिणाम है कि वे इन चुनावों में मतदान के मामले में पुरुषों आगे निकल गईं। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल भी आधी आबादी को रिझाने की दिशा में रणनीति बना रहे हैं। मुख्य निर्वाचन कार्यालय भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ने से उत्साहित है। पिछले आंकड़ों के आधार पर इस बार चुनाव आयोग ने महिला मतदान प्रतिशत और बढ़ने की उम्मीद जताने के साथ ही खास रणनीति भी बनाई है।
पिछले लोकसभा चुनाव में अगर जिलावार भी आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ हो जाता है कि हरिद्वार को छोड़कर किसी भी जिले में पुरुष मतदान के प्रति उत्साहित नजर नहीं आए। उत्तरकाशी में 63.65 प्रतिशत महिला और 57.73 प्रतिशत पुरुष, चमोली में 61.89 प्रतिशत महिला और 51.54 प्रतिशत पुरुष, रुद्रप्रयाग में 63.29 प्रतिशत महिला व 45.16 प्रतिशत पुरुष, टिहरी में 57.21 प्रतिशत महिला व 41.91 प्रतिशत पुरुष, देहरादून में 63.36 प्रतिशत महिला व 59.32 प्रतिशत पुरुष ने मतदाधिकार का प्रयोग किया।