0001 नंबर ने समस्त रिकार्ड ध्वस्त कर दिए : परिवहन विभाग
देहरादून: कार अगर लग्जरी हो तो उस पर पंजीयन नंबर भी वीआइपी लेना दूनवासियों के लिए स्टेटस सिंबल बन चुका है। वीआइपी नंबर की चाहत में दूनवासी लाखों रुपये खर्च करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। परिवहन विभाग की अनोखे नंबरों के लिए आनलाइन बोली में इस बार 0001 नंबर ने समस्त रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। यह नंबर आठ लाख 45 हजार रुपये में बिका।
अगस्त-2022 में 0001 नंबर सहारनपुर के एक कारोबारी ने सात लाख 66 हजार रुपये में खरीदा था, जो अब तक इसकी सर्वाधिक कीमत थी, लेकिन बुधवार को अपना ही रिकार्ड तोड़कर यह नंबर नए शीर्ष पर पहुंच गया। हालांकि, इस बार परिवहन विभाग आठ लाख 45 हजार रुपये खर्च कर 0001 नंबर लेने वाले का नाम सार्वजनिक नहीं कर रहा, लेकिन सूत्रों की मानें तो नंबर दून के एक कारोबारी ने खरीदा है।
आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने बताया कि इस बार कुल 25 नंबरों की आनलाइन बोली लगाई गई। इसमें दो नंबर (यूके07-एफएस) सीरीज जबकि बाकी 23 नंबर (यूके07-एफटी) सीरीज के थे। आरटीओ ने बताया कि (यूके07-एफटी) सीरीज के लिए 0001 नंबर ने अब तक के सभी रिकार्ड तोड़ दिए।
इसी वर्ष 13 फरवरी को (यूके07-एफएस) सीरीज के लिए 0001 नंबर सात लाख 22 हजार रुपये में बिका था। जून-2023 में भी एक कारोबारी ने यह नंबर सात लाख 39 हजार रुपये में खरीदा था। इस बार की बोली में देहरादून के कारोबारी ने (यूके-07-एफटी) सीरीज के लिए 0001 नंबर को आठ लाख 45 हजार रुपये में खरीदा।
दूसरे नंबर पर इस बार भी 0009 नंबर रहा, जो दो लाख 75 हजार रुपये में बिका। यह नंबर फरवरी में दो लाख 19 हजार रुपये में बिका था। आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने बताया कि तीसरे नंबर पर 0008 नंबर रहा, जो एक लाख 23 हजार रुपये में बिका।
चौथे नंबर पर 0003 रहा, जो 69 हजार रुपये की बोली में खरीदा गया। पांचवें नंबर पर 7000 रहा, जो 60 हजार रुपये में बिका। इसके अतिरिक्त शेष नंबर 11 हजार रुपये से 53 हजार रुपये के बीच की बोली में बिके। यूके-07-एफटी सीरीज में कुल 38 नंबर के लिए बोली लगी थी, जिसमें 23 नंबरों की नीलामी हो गई।
आरटीओ ने बताया कि 0001 और 0786 नंबर ऐसे हैं, जिनकी न्यूनतम कीमत एक लाख रुपये है, जबकि शेष नंबरों की न्यूनतम कीमत दस हजार रुपये है। आरटीओ के अनुसार यूके-07-एफएस सीरीज के लिए 0077 व 0101 नंबर अपनी मूल कीमत 10 हजार रुपये में बिका। आनलाइन बोली प्रक्रिया में परिवहन विभाग को इस बार 19 लाख 16 हजार रुपये का राजस्व मिला। आरटीओ ने बताया कि आवेदकों को अब बोली की रकम 30 दिन की समय-सीमा में जमा करानी होगी।