विवाह पूर्व निशुल्क काउंसलिंग लेने आठ साल में सिर्फ चंद जोड़े महिला आयोग पहुंचे
Dehradun: शादी बाद लड़ाई-झगड़े होने पर भले जीवनभर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा लेंगे, लेकिन शादी से पहले काउंसलिंग कराने नहीं जाएंगे…इस सोच से समाज को उबारने के लिए राज्य महिला आयोग ने आठ साल पहले विवाह पूर्व काउंसलिंग की जोर-शोर से पहल की थी, लेकिन अफसोस कि आज तक सिर्फ चार जोड़े ही काउंसलिंग के लिए आयोग के दफ्तर पहुंचे।
विवाह पूर्व काउंसलिंग को नजरंदाज करने का नतीजा या आंकड़े ऐसे हैं कि आयोग के सामने हर साल दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की 700 से 1000 शिकायतें पहुंच रही हैं। साथ ही दोनों पक्षों के परिजन आयोग से लेकर पुलिस स्टेशन और अदालत के चक्कर लगा रहे हैं।
इसलिए महिला आयोग की कोशिश है कि लोगों को समझाया जाए कि शादी के बाद कोर्ट में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने से बेहतर है कि शादी से पहले काउंसलिंग के जरिए एक-दूसरे को समझा जाए।