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पकड़ रहा कोरोना रफ्तार राज्यों में बढ़े सर्दी-जुकाम के मामले

कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। खासकर देश की राजधानी और एनसीआर में संक्रमण के नए मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक इजाफा दर्ज हुआ है। मामलों में अचानक तेजी देखकर सरकारी तंत्र हरकत में आ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि मामले बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं है, मगर सतर्क रहना जरूरी हो गया है। जल्द कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) इस सप्ताह होने वाली बैठक में मास्क लगाना अनिवार्य कर सकता है। इस बैठक में उप राज्यपाल अनिल बैजल भी भाग ले सकते हैं।

एनसीआर में तेजी से बढ़ी संक्रमण दर
एनसीआर में संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। गुरुग्राम में यह दर 19.1 फीसदी, गौतमबुद्धनगर में 7.65 फीसदी और फरीदाबाद में यह 5.5 फीसदी तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि आवाजाही पर प्रतिबंध पूरी तरह समाप्त करने के बाद संक्रमण के मामलों में फिर तेजी आई है। ओमिक्रोन और सार्स-कोव-2 के अन्य स्वरूप लोगों में श्वास नली के ऊपरी हिस्से को संक्रमित कर रहे हैं।

दिल्ली के अलावा मुंबई भी अलर्ट
1 अप्रैल को देश में आए नए संक्रमण के कुल मामलों में दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी 11.8 फीसदी थी जो 16 अप्रैल को बढ़कर 52.5 प्रतिशत हो गई है। इसे देखते हुए हालात कभी भी नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते दिल्ली के साथ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को भी अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय प्रशासन ने सभी जांच केंद्रों को फिर से खोल दिया हैं और नि:शुल्क जांच शुरू कर दी है।

सर्दी-जुकाम होने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी
सभी चिकित्सकों को निर्देश भी दिया गया है कि,सर्दी-जुकाम वाले सभी मरीजों को आरटी-पीसीआर जांच कराने के लिए भेजा जाए। वहीं सरकार ने सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को 48 घंटे के नोटिस पर पूर्ण क्षमता के साथ कोविड-19 वार्ड बनाने के लिए तैयार रहने का भी आदेश दिया है। मुंबई में फिलहाल दिल्ली से आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच नहीं हो रही है, हालांकि मुंबई में नमूनों का जीन सर्वेक्षण जरूर किया जा रहा है।

पांच राज्यों के अलावा यूपी, पंजाब, हरियाणा में भी डरा रहे मामले

देश के कई राज्यों में बढ़ते संक्रमण के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इसी मामले में 8 अप्रैल को दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा और मिजोरम के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा था। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां से सर्वाधिक संख्या में संक्रमण के मामले आ रहे थे। भूषण ने अपने पत्र में कहा है कि इन राज्य सरकारों को हालात पर पैनी नजर रखनी चाहिए और कोविड के मामले बढ़ने के साथ ही समुचित उपाय के लिए तैयार रहना चाहिए। स्वास्थ्य सचिव ने नए कोरोना मरीजों के आसपास क्लस्टर जोन में निगरानी बढ़ाने के अलावा टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए भी कहा है। इधर, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से सामने आ रहे कोरोना के आंकड़े भी डराने लगे हैं। महज तीन दिन में ही यहां नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। यूपी में 14 अप्रैल को कोरोना के 90 मामले सामने आए थे, जबकि रविवार को 135 मामले सामने आए। पंजाब में 14 अप्रैल को महज 11 मामले सामने आए थे और 17 अप्रैल को 8 संक्रमित मिले। इसी तरह हरियाणा में 14 अप्रैल को 170 मरीज मिले थे, जबकि रविवार को 191 मरीज मिले।

महामारी के एंडेमिक स्टेज में भी सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, कोरोना के मामलों में मामूली उतार-चढ़ाव होता रहेगा। इसलिए केस बढ़ने का जो ट्रेंड दिख रहा है, उससे चिंता की बात नहीं है, लेकिन कोरोना एक वैश्विक महामारी है। ऐसे में जब तक पूरी दुनिया में ये काबू में नहीं आ जाती। तब तक हमें सतर्क रहना होगा। वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है, इस स्थिति में यह कभी भी नए वैरिएंट में बदल सकता है, जो हमें परेशान कर सकता है। इसलिए भले ही मास्क न लगाने से जुर्माना हटा दिया गया है, लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि हम इसे न लगाएं लोगों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह मास्क लगाकर रखें। क्योंकि ये कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी बचाव करेगा।

घबराने वाली कोई बात नहीं

चौथी लहर की आशंका पर डॉक्टरों का कहना है कि, भले ही केस थोड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का कारण नहीं है। बस ये जरूरी है कि हॉस्पिटलाइजेशन और मौतें न बढ़ें। अगर ये दोनों चीजें नियंत्रण में हैं तो कोरोना एक सामान्य फ्लू की तरह ही है। ऐसे में हमें इसको लेकर बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं। फिलहाल ये जरूरी है कि कोविड को लेकर सर्विलांस बढ़ा दिया जाए और अगले कुछ दिनों तक कोरोना के ग्राफ पर नजर रखी जाए।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ.जुगल किशोर ने अमर उजाला से कहा कि, कोरोना के बढ़ते मामलों पर अब नजर रखने की जरूरत है। फिलहाल कुछ दिनों तक इन राज्यों में संक्रमण के ग्राफ को देखना होगा। मामूली उतार-चढ़ाव तो हो सकता है, लेकिन अगर केस लगातार बढ़ते हैं, तो ये चिंता का कारण हो सकता है। इस स्थिति में संक्रमण से बचाव के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा। देश में कोरोना महामारी फिलहाल एंडेमिक स्टेज में है। केस मे मामूली उतार-चढ़ाव हो रहा है। फिलहाल जरूरी यह है कि लोग कोविड को लेकर सतर्क रहें और मास्क लगाने के नियम का पालन करें।

एक दिन में 90 फीसदी मामलों आया उछाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में रविवार की तुलना में दैनिक कोविड मामलों में लगभग 90 फीसदी की छलांग देखी गई है। देश में सोमवार सुबह तक बीते 24 घंटे कोरोना के 2,183 ताजा संक्रमण दर्ज किए गए। लगभग एक महीने में यह पहली बार है कि देश में एक दिन में कोरोना के 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। पूरे देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 214 लोगों की मौत के आंकड़े आए हैं। इसमें अकेले केरल में कोरोना से 213 लोगों की मौत के आंकड़े जुड़े हैं। ये आंकड़े बैकलॉग के हैं। यानी ये वैसी मौतें है जिनकी रिपोर्ट नहीं हुई थी। बाद में स्पष्ट हुआ कि ये मौतें कोविड से हुई थीं।

कोविड प्रतिबंधों में ढील पड़ी भारी?

अब तक कुल मिलाकर देश में कोरोना से 5,21,965 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोविड के कुल मामलों की संख्या अब 4.30 करोड़ हो गई है। मंत्रालय के अनुसार दैनिक सकारात्मकता दर  0.83 प्रतिशत और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 0.32 प्रतिशत दर्ज की गई। पूरे देश में रविवार को कोरोना वायरस के 1,150 मामले सामने आए थे और देश भर से चार मौतों की सूचना मिली थी। दिल्ली में कोरोना के 517 मामले दर्ज किए गए हैं। एक दिन पहले शहर में कोरोना के 461 नए मरीज सामने आए थे। केरल में सबसे अधिक मामले 940 केस दर्ज किए गए।

देश भर में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। क्योंकि जनवरी में तीसरी लहर के बाद संक्रमण में लगातार गिरावट दर्ज की गई थी। जबकि विशेषज्ञों ने कोविड नियमों में ढील नहीं देने की चेतावनी दी थी, क्योंकि जर्मनी, फ्रांस और इटली सहित कई यूरोपीय देश और चीन में कोरोना नए सिरे से फैल रहा है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कोरोना के एक नए एक्सई वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसके दो मामले मुंबई और गुजरात में पाए गए हैं। इस बार बढ़ते कोरोना मामलों को चौथी लहर की तरह देखा जा रहा है। बच्चों पर सबसे ज्यादा प्रभाव देखा गया हैं। हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपनी एक एडवाइजरी में कहा है कि स्कूल में कोरोना के एक भी केस आने पर सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी।

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