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विधानसभा सदन में SSC भर्ती परीक्षाओं का विवाद

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं का विवाद गरमाया था।  विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक विधानसभा परिसर में सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

विपक्ष ने समूह ग पदों की भर्ती परीक्षाओं पर भ्रष्टाचार और धांधली का आरोप लगाते हुए सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की। आयोग ने भर्ती परीक्षाओं के लिए मध्य प्रदेश की जिस एजेंसी का चयन किया है। उसके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सदन को अवगत कराया कि पांच सालों में आयोग ने कुल 89 लिखित परीक्षाएं कराई है। इसमें 3 से 4 परीक्षाओं को छोड़कर किसी भी मामले में विवाद नहीं हुआ है। परीक्षाओं में धांधली व गड़बड़ियों की शिकायत पर आयोग ने स्वयं मुकदमे दर्ज कराए हैं।

कांग्रेस विधायक भुवन चंद्र कापड़ी व वीरेंद्र जाति ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होने वाली भर्तियों में विवाद का मुद्दा उठाया। कई बार परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के सही उत्तर होने के बाद भी अंक काटे जा रहे हैं। अभ्यर्थियों की आपत्तियों का सही ढंग से निराकरण नहीं किया जा रहा है। जो बेरोजगारों के साथ छलावा है।

आयोग की ओर से बीडीओ, सहायक लेखाकार, वन दरोगा समेत कई भर्ती परीक्षाओं को धांधली के बाद निरस्त किया गया। विपक्ष से सरकार से भर्ती परीक्षाओं में धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आयोग ने पांच सालों में 89 परीक्षाओं में 17136 पदों पर चयन प्रक्रिया है। जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, उन्हें आयोग ने निरस्त किया है। दो मामलों में हाइकोर्ट ने आयोग के फैसले को उचित पाया है। लिखित परीक्षा में प्रश्नों पर अभ्यर्थियों की आपत्तियों के लिए विशेषज्ञ समिति से परामर्श लिया जाता है।

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