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10 दिसंबर को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में होने वाली पासिंग आउट परेड में निरीक्षण अधिकारी सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे होंगे।

Dehradun: 10 दिसंबर को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में होने वाली पासिंग आउट परेड में निरीक्षण अधिकारी सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे होंगे। इस दौरान देश-विदेश के 344 जेंटलमैन कैडेट बतौर अधिकारी अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे। जिनमें 10 मित्र देशों के 30 कैडेट शामिल हैं।  आईएमए में ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा।

अकादमी प्रबंधन परेड की तैयारियों में जुटा हुआ है। पासिंग आउट परेड की जेंटलमैन कैडेट जमकर रिहर्सल कर रहे हैं। अकादमी अधिकारियों के अनुसार दो दिसंबर को ग्रेजुएशन सेरेमनी आयोजित होगी, जिसमें आर्मी कैडेट कॉलेज विंग के कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री से दीक्षित किया जाएगा।

इसके बाद एसीसी विंग के यह कैडेट अकादमी का हिस्सा बन जाएंगे। सात दिसंबर को कमांडेंट अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी। जिसमें सैन्य प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को पुरस्कृत किया जाएगा। आठ दिसंबर की सुबह कमांडेंट परेड होगी, जबकि मुख्य पासिंग आउट परेड से एक दिन पहले नौ दिसंबर को अकादमी में मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले शो आयोजित किया जाएगा।

आईएमए एक अक्तूबर 1932 को अस्तित्व में आया था। पिछले 90 वर्षों में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जेंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। इस दौरान अकादमी ने भविष्य की चुनौतियों व युद्धक्षेत्र की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण पद्धति और बुनियादी ढांचे में दूरगामी बदलाव किए हैैं। अभी तक 64,145 जेंटलमैन कैडेट अकादमी से पास आउट हुए हैं। इनमें 35 मित्र देशों के 2813 विदेशी कैडेट भी शामिल हैं।
भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 10 वर्षों में पहली बार कोई अफगान कैडेट नहीं होगा। वर्ष 2011 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत भारतीय सैन्य अकादमी ने अफगान कैडेटों को प्रशिक्षित करना शुरू किया था। बीती 11 जून को आयोजित परेड में 43 अफगान कैडेट का आखिरी बैच अकादमी से पास आउट हुआ था। ये युवा तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे से पहले यहां आए थे।

तालिबान के कब्जे के बाद अफगान नेशनल आर्मी का अस्तित्व समाप्त हो गया। जिससे आईएमए और अन्य रक्षा संस्थानों में उनका प्रशिक्षण भी बंद हो गया है। हालांकि ये कैडेट अभी इंडिया में ही हैं। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा इन कैडेट को अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। जानकारी के अनुसार इन कैडेट को अलग-अलग कोर्स कराए जा रहे हैं।

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