विधानसभा में बैक डोर की भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है तो भर्तियां करने वाला मंत्री कैसे निर्दोष
ऋषिकेश: विधानसभा में बैक डोर की भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है तो भर्तियां करने वाला मंत्री कैसे निर्दोष हो सकता है। आखिर क्यों वह अब तक धामी सरकार की कैबिनेट का हिस्सा बना हुआ है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। युवा न्याय संघर्ष समिति की ओर से रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या और विधानसभा भर्ती घोटाले के आरोप में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष व काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की बर्खास्तगी को लेकर आंदोलन को पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रदीप टमटा ने अपना समर्थन दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले के मामले में भी सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने का काम कर रही है। जब मुख्यमंत्री इन भर्तियों को अवैध ठहरा चुके हैं और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कर रहे हैं, तो बैक डोर से यह भर्तियां करने वाले तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष कैसे निर्दोष हो सकते हैं। आखिर क्यों आज भी वह धामी सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हुए है।