सुधीर विंडलास और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज
देहरादून: उद्योगपति सुधीर विंडलास के खिलाफ राजपुर थाने में दर्ज चार मुकदमों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। विंडलास पर ये मुकदमे अलग-अलग शिकायतकर्ताओं ने दर्ज कराए थे। इनमें से तीन की विवेचना पिछले दिनों वसंत विहार थाने को ट्रांसफर की गई थी।
दुर्गेश गौतम निवासी राजपुर ने वर्ष 2018 में एसआईटी (भूमि) से शिकायत की थी। आरोप था कि सुधीर विंडलास और उनके साथियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपनी जमीन बढ़ा ली है। यह करीब एक हेक्टेयर जमीन है। कुछ तहसील कर्मचारियों पर भी आरोप लगाया गया था। एसआईटी की सिफारिश पर 14 फरवरी 2018 को राजपुर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में सुधीर विंडलास और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। यह कोर्ट की अवमानना भी हो सकती है। इसकी जानकारी शायद किसी ने शासन को नहीं दी है। जहां तक सीबीआई जांच की बात है तो यह अच्छा होगा। क्योंकि, बड़ी एजेंसी जांच करेगी तो सब साफ हो जाएगा। मेरे कागज एकदम ठीक हैं। मुकदमों की जांच के लिए तीन विवेचक बदले जा चुके हैं। अब तक किसी भी मुकदमे में मेरे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। मेरे ऊपर पुलिस ने एक बार समझौता करने का दबाव बनाया था। मैं जब भी किसी अधिकारी के पास जाता हूं तो मेरी फाइल देखने के लिए कोई तैयार नहीं होता। उम्मीद है कि सीबीआई मेरी बात सुनेगी और सब कुछ निष्पक्ष होगा।
तीन मुकदमे इसी साल जनवरी में दर्ज हुए थे। दून पैरामेडिकल कॉलेज के मालिक संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि सुधीर विंडलास ने अपने स्टाफ के लोगों के साथ मिलकर उनकी बेशकीमती जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया था। न्यायालय में भी झूठे प्रमाणपत्र लगाकर जमीन बिक्री के करार को एकतरफा खत्म करा दिया था।
यह मुकदमा नौ जनवरी 2022 को दर्ज हुआ। उनके खिलाफ तीसरा मुकदमा 13 जनवरी को सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानू की शिकायत पर दर्ज हुआ। राजपुर थाने में ही दर्ज इस मुकदमे में आरोप है कि विंडलास ने सरकार से आवंटित उनकी भूमि कब्जाई थी।
इसके बाद संजय सिंह की ही शिकायत पर 25 जनवरी को चौथा मुकदमा दर्ज हुआ। इस मुकदमे में उनके भाई को भी आरोपी बनाया गया। आरोप है कि उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन के असली बैनामे को ही गायब करा दिया और पुराने मालिक के वारिसों से जमीन अपने नाम करा ली। इस साल दर्ज हुए मुकदमों की विवेचना राजपुर से हटाकर वसंत विहार थाने को दी गई थी। लेकिन, इसमें कोई कार्रवाई न होते पीड़ितों ने पुलिस मुख्यालय से गुहार लगाई। मुख्यालय ने सितंबर में शासन से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की। अब गृह विभाग ने भी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है।