पुलिस और विज्ञान का तालमेल बेहद जरूरी

Dehradun: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने कहा, साइबर अपराध इन दिनों सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में पुलिस को साइबर अपराधियों से 10 गुना आगे की सोच रखनी होगी, तभी इस चुनौती से निपटा जा सकता है।
पुलिस को चाहिए कि वह साइबर की समझ रखने वाले दक्ष कर्मचारियों की टीम बनाए। राज्यपाल रविवार को ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के समापन सत्र में बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा, पुलिस और विज्ञान का तालमेल बेहद जरूरी है। नई तकनीकों को अपनाकर पुलिस को और अधिक सशक्त बनाने की जरूरत है।
पुलिस को अपने इंटेलीजेंस तंत्र को और अधिक मजबूत करना होगा। वर्तमान में अपराधी, अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उनसे एक कदम आगे बढ़कर अपने आप को तैयार रखने की जरूरत है। पुलिस बल को तकनीकी के साथ-साथ सक्षम माध्यमों से सुसज्जित कर ही अपराधियों से निपटा जा सकता है।
पुलिस अपनी कार्यकुशलता और सूझबूझ से लोगों के बीच गलत धारणाओं को दूर कर सकती है। कहा, अमृतकाल में विकसित भारत एवं विश्वगुरु भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पुलिस बल का महत्वपूर्ण योगदान है। इस पुलिस साइंस कांग्रेस में जो भी सुझाव पुलिस अधिकारियों के पास आए हैं, उन पर गंभीरता से विचार कर अपनी कार्यप्रणाली में शामिल करें।
कहा, उत्तराखंड पुलिस कई स्तरों पर अपनी दक्षता का परिचय हर साल देती है। इसका उदाहरण यहां का अपराध नियंत्रण तो है ही साथ ही सफल मेले और यात्राओं का आयोजन भी है। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर दिया। इससे पहले उन्होंने एफआरआई में आयोजित पुलिस टेक प्रदर्शनी का दौरा भी किया।
पुलिस आधुनिकीकरण पर बनाएं विशेष कार्ययोजना : सीएस
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा, पुलिस को इस वक्त स्मार्ट बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि विकसित देशों और भारत की पुलिस तकनीकों में गैप को कम किया जाए। इसके लिए देश के अग्रणी शैक्षिक संस्थाओं के साथ मिलकर पुलिस आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जा सकती है।