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उत्तराखंड सरकार और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की सख्ती के बावजूद आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों के इलाज में फर्जीवाड़ा

देहरादून: आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को सूचीबद्ध अस्पतालों में पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। मरीज को डिस्चार्ज करने पर 15 दिन की दवाई भी मुफ्त देने की व्यवस्था है। इस प्रक्रिया में सूचीबद्ध अस्पताल गड़बड़ी कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने दो अक्तूबर से अस्पतालों को क्लेम भुगतान के लिए नई व्यवस्था को लागू किया। इसमें अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने वाले मरीज से सत्यापन प्रमाण अनिवार्य किया गया।

उत्तराखंड सरकार और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की सख्ती के बावजूद आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों के इलाज में फर्जीवाड़ा जारी है। योजना में सूचीबद्ध अस्पताल मरीजों से इलाज का पैसा वसूल रहे हैं। साथ ही इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम भी सरकार को भेज रहे हैं। मरीजों से पैसा लेने वाले 32 निजी अस्पतालों पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से तगड़ा जुर्माना वसूला गया है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन नहीं सुधरे तो दूसरी बार में क्लेम राशि का पांच गुना और तीसरी बार में 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

इसके अलावा अस्पतालों को भी क्लेम दावे को लेकर स्व: सत्यापित प्रमाणपत्र देना होगा। साथ ही क्लेम बिल को मरीज से सत्यापित कराना होगा। अक्तूबर महीने में नई व्यवस्था के तहत अस्पतालों से क्लेम दावे के लगभग 5500 से अधिक आवेदन मिले। इसमें 32 मामलों में 12 अस्पतालों ने मरीजों से इलाज का पैसा लिया। सत्यापन प्रमाणपत्र में मरीजों से अस्पताल प्रबंधन की ओर से पैसे लेने की बात कही, जबकि लगभग 1700 से अधिक क्लेम आवेदनों को रद्द कर दिया गया। इन आवेदनों में अस्पतालों की ओर से क्लेम के लिए दस्तावेजों की प्रक्रिया तो अपनाई गई, लेकिन आवेदन पत्र में महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी गई।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से कॉल सेंटर से भी अस्पतालों की ओर से क्लेम बिलों के साथ दिए जाने वाले प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जाता है। इलाज कराने वाले मरीज ने अस्पतालों को प्रमाणपत्र दिया है या नहीं, हस्ताक्षर, इलाज करने पर पैसे का भुगतान समेत अन्य जानकारी का सत्यापन किया जाता है।
आयुष्मान योजना में प्रतिदिन औसतन 500 से अधिक मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे हैं। योजना में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों का मुफ्त इलाज किया गया। इस पर 1046 करोड़ की राशि खर्च की गई।

आयुष्मान योजना में पारदर्शी व्यवस्था पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अस्पतालों को क्लेम भुगतान के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। जो अस्पताल मरीजों से इलाज का पैसा ले रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पहली बार में तीन गुना तक पेनल्टी लगाई जा रही है।

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