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नई औद्योगिक नीति और अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश के साथ कारोबार

Dehradun: देश में कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत दवाइयां उत्तराखंड बना रहा है। औषधि निर्माण में राज्य देश का प्रमुख हब के रूप में विकसित हो रहा है। 2022 में राज्य के फार्मा सेक्टर ने 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया। इसमें 1150 करोड़ की दवाइयां निर्यात की गईं।

राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया, प्रदेश सरकार वैश्विक निवेशक सम्मेलन से फार्मा सेक्टर को भी प्रोत्साहन दे रही है। नई औद्योगिक नीति और अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश के साथ कारोबार लगातार बढ़ रहा है। विभाग का प्रयास है कि इन कंपनियों में उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का उत्पादन हो, साथ ही देश में कंपनियों की दवाओं का शेयर भी बढ़े।

औषधि नियंत्रण विभाग सतर्क
इससे राज्य का राजस्व और रोजगार भी बढ़ेगा। हरिद्वार, सेलाकुई और पंतनगर में 249 ड्रग्स निर्माता फार्मा कंपनियां हैं। देश में निर्मित होने वाली कुल दवाओं के उत्पादन में उत्तराखंड का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। औद्योगिक नीति के तहत एकल खिड़की योजना के तहत उद्योगों ऑनलाइन अनुमति दी जाती है। प्रदेश में मानकों के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का निर्माण करने के लिए औषधि नियंत्रण विभाग सतर्क है।

समय-समय पर दवाओं की गुणवत्ता और मानकों की जांच की जा रही है। बताया, केंद्रीय औषधि मानक संगठन के सब जोन ऑफिस उत्तराखंड में स्थापित है। फार्मा कंपनियों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया होने के कारण आवेदन की जटिलता को समाप्त किया गया है। दवाइयों की गुणवत्ता के लिए केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त निरीक्षण करने के बाद लाइसेंस जारी किए जाते हैं।

दिसंबर माह में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से फार्मा सेक्टर में काफी उम्मीदें हैं। औषधि विभाग ने किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त और शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर 1800 180 4246 जारी किया है। औषधियों के निर्धारित मूल्य पर विक्रय के लिए यूकेपीएमआरयू सोसाइटी की स्थापना केंद्र सरकार के निर्देशों पर किया गया।

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