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बल्लूपुर-पांवटा साहिब सड़क परियोजना के लिए 1594.33 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी

Dehradun: दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के बाद अब देहरादून-पांवटा साहिब फोर लेन हाईवे के निर्माण ने भी गति पकड़ ली है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 45 किमी इस मार्ग का निर्माण दो पैकेज में किया जा रहा है। पैकेज-टू (बल्लूपुर चौक से मेदनीपुर) का काम फरवरी में शुरू किया जा चुका है, जबकि पैकेज-वन (मेदनीपुर से पांवटा साहिब) पर 15 अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बल्लूपुर-पांवटा साहिब सड़क परियोजना के लिए 1594.33 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी है। दो चरणों में प्रस्तावित प्रोजेक्ट को फरवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड वाले हिस्से में दो पैकेज में पर्यावरणीय स्वीकृतियां मिल चुकी हैं, जबकि हिमाचल वाले हिस्से (3.50 किमी) में एक पर्यावरणीय स्वीकृति मिलना शेष है।
परियोजना के तहत उत्तराखंड और हिमाचल के कुल 25 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इसमें उत्तराखंड के 21 गांवों के किसानों की 127 हेक्टेयर जमीन और 9.2 हेक्टेयर जमीन हिमाचल के चार गांवों के किसानों की अधिग्रहित की गई है। जमीन के बदले किसानों को कुल 588.33 करोड़ रुपये मुआवजे के भुगतान की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

अब तक बांटा जा चुका 50 प्रतिशत जमीन का मुआवजा
प्रोजेक्ट इंजीनियर सुमीत सिंह ने बताया कि अब तक मुआवजा बांटने का काम 50 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है। प्रोजेक्ट के तहत भीड़भाड़ वाले शहर पांवटा साहिब, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई और सुुद्धोवाला को बाईपास करते हुए करीब 22 किमी लंबाई का ग्रीन फील्ड तैयार किया जा रहा है। इस हिस्से में काम शुरू कर दिया गया है। नए मार्ग के बनने से दून-पांवटा की दूरी पांच से सात किमी तक कम हो जाएगी। इससे मार्ग पर चलने वालों के समय और ईंधन की बचत होगी।
ईंधन के साथ समय की होगी बचत
इस परियोजना के निर्माण से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल से उत्तराखंड आने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। उनके समय के साथ ही ईंधन की भी बचत होगी। ग्रीन फील्ड रोड पर सफर करते हुए लोग करीब पौने दो घंटे की दूरी को महज 35 मिनट में पूरा कर पाएंगे।
देहरादून-पांवटा साहिब फोर लेन हाईवे के पैकेज टू के बाद अब 15 अप्रैल से पैकेज वन में भी काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ जमीन अधिग्रहण को करीब 50 प्रतिशत तक मुआवजा भी बांट दिया गया है। आने वाले दिनों में काम बहुत तेज गति से होगा। एनएचएआई के इंजीनियर हर काम की बारीकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। – पंकज मौर्य, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

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