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क्या वाकई फ्री होती है ये सुविधा

नई दिल्ली । अक्सर किसी बड़े स्टोर, मॉल या ऑनलाइन स्टोर में खरीदारी के समय आप नो-कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI) के बारे में देखते या सुनते होंगे। क्या आपको पता है कि ये क्या होती है? जो लोग इसके बारे में जानते हैं, उनमें से अधिकांश को लगता है कि यह सुविधा फ्री में आती है क्योंकि इसमें ‘नो कॉस्ट’ शब्द जुड़ा है। लेकिन सच तो यह है कि बिजनेस की दुनिया में मुफ्त कुछ भी नहीं मिलता। नो-कॉस्ट EMI भी एक कीमत पर ही आती है।

त्योहारी सीजन के दौरान, कई कंपनियां और ऑनलाइन रिटेलर्स आकर्षक ऑफर लेकर आते हैं, जिनमें नो-कॉस्ट ईएमआई की योजनाएं भी शामिल हैं। कई लोग घरेलू उपकरण, नई गाड़ी, बाइक और गैजेट्स आदि खरीदने के लिए त्योहारी सीजन की बिक्री का इंतजार करते हैं। इनमें सबसे बड़ा फायदा छूट और नो कॉस्ट ईएमआई का होता है, लेकिन कई बार ये ऑफर फायदा पहुंचाने की जगह नुकसानदेह साबित होने लगते हैं।

नो-कॉस्ट ईएमआई ऑफर उपभोक्ताओं को अतिरिक्त ब्याज या शुल्क का भुगतान किए बिना किस्तों में प्रोडक्ट खरीदने कीअनुमति देता है। नए गैजेट या घरेलू उपकरण खरीदने के लिए लोगों द्वारा नो-कॉस्ट ईएमआई स्कीम का अक्सर चुनाव किया जाता है। लेकिन खरीदारी करने से पहले आपको इस योजना के कुछ पहलुओं के बारे में पता होना चाहिए।

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जब आप खरीदारी करने के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई या जीरो-कॉस्ट ईएमआई विकल्प चुनते हैं, तो इसका मतलब है कि आप उस प्रोडक्ट का का मासिक किस्तों में पेमेंट करेंगे, और वह भी बिना किसी ब्याज या शुल्क के। यानी आप केवल ईएमआई में बंटी हुई वास्तविक कीमत का भुगतान करेंगे, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? कई बैंक अलग-अलग विकल्पों में नो-कॉस्ट ईएमआई की सुविधा देते हैं। कुछ बैंक अपने उत्पादों पर जीरो डाउनपेमेंट की फैसलिटी देते हैं। इसमें आपको कोई पेमेंट करने की आवश्यकता नहीं होती है और आप आसानी से मासिक किस्तों में पैसा दे सकते हैं। दूसरी ओर, कुछ बैंक डाउनपेमेंट के रूप में एक मिनमम एमाउंट चार्ज करते हैं और शेष राशि का भुगतान ईएमआई में किया जाता है।

  • नो-कॉस्ट EMI लेने से पहले आप अपनी जरूरत के अनुसार अलग-अलग रीपेमेंट साइकिल चुन सकते हैं। यह 3 महीने से लेकर 24 महीने तक हो सकता है।
  • नो-कॉस्ट ईएमआई में मूल राशि पर कोई ब्याज नहीं होता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप केवल उत्पाद की वास्तविक लागत का भुगतान करेंगे।
  • कई बैंक नो-कॉस्ट ईएमआई के लिए प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं। दरअसल, कई बार यह प्रोसेसिंग शुल्क एक तरह से ब्याज की जगह वसूल किया जाता है।
  • नो-कॉस्ट ईएमआई चुनते समय आपको उस उत्पाद पर दी जाने वाली छूट नहीं मिलती है, जिसका आप लाभ उठा सकते थे।
  • नो-कॉस्ट ईएमआई चुनने से पहले नियम और शर्तों को ठीक तरह से पढ़ लें।

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