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देहरादून में जमीन, सर्किल रेट बढ़ाने की कवायद

circle rate

देहरादून : जनवरी 2020 के बाद अब दून में जमीनों के नए सर्किल रेट लागू होंगे। सर्किल रेट में संशोधन के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।

कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने सर्वे के लिए जीआइएस सिस्टम लागू करने पर चर्चा की। इस संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों ने वर्चुअल माध्यम से जीआइएस पोर्टल/एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीआइएस आधारित एप में सर्वे संबंधी आंकड़े किस तरह दर्ज किए जा सकते हैं। जिलाधिकारी ने सर्किल रेट में संशोधन के लिए सर्वे के तहत नगर निगम में वार्डवार नजरी नक्शा के उपयोग करने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्य बेहद अहम है।  राजस्व विभाग, नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारी व संबंधित सब रजिस्ट्रार आपस में समन्वय बनाकर सूक्ष्म स्तर पर क्षेत्रों को चिह्नित करें। ताकि सर्किल रेट निर्धारण में किसी तरह की विसंगति न रहे।

इस संबंध ने जिलाधिकारी (डीएम) सोनिका ने जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति (सर्किल रेट पुनरीक्षण) की बैठक में रेट में संशोधन के लिए सर्वे कार्यों पर चर्चा की आइजी स्टांप ने सभी नगर निकाय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह नजरी नक्शा उपलब्ध कराएं। ताकि आनलाइन मैपिंग में मदद मिल सके। इस अवसर पर समिति के सदस्य सचिव व अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा, सहायक नगर आयुक्त जगदीश, तहसीलदार सदर सोहन सिंह रांगड़, सब रजिस्ट्रार रामदत्त मिश्रा, अवतार सिंह रावत आदि उपस्थित रहे। जिलाधिकारी सोनिका ने निर्देश दिए कि पूर्व के निर्धारण में जहां सर्किल रेट में विसंगतियों की बात सामने आ रही है, उनका परीक्षण किया जाए। ताकि नए संशोधन में उनका निस्तारण किया जा सके।  पिछले सर्किल रेट की बात करें तो वर्ष 2020 में 18 हजार से अधिक रेट वाले क्षेत्रों में जमीनों के सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए थे। इस दायरे में दून शहर की सभी प्रमुख सड़कें व पाश क्षेत्र शामिल थे। विशेषकर पहले से सर्वाधिक सर्किल रेट वाले राजपुर रोड, मसूरी रोड के क्षेत्र इसमें शामिल रहे। वहीं, जिले में कुल 1463 अकृषि व 981 कृषि क्षेत्र में नए रेट लागू किए गए थे। इससे पहले वर्ष 2018 के संशोधन की बात की जाए तो नगर निगम में शामिल किए गए गांवों में मनमाफिक ढंग से 10 से 30 प्रतिशत रेट बढ़ाए गए थे। हालांकि, राजपुर रोड जैसे पाश इलाके में घर खरीदने के लिए गैर वाणिज्यिक दर प्रथम श्रेणी को 15 हजार प्रति वर्गमीटर से घटाकर 12 हजार कर दिया गया था।जिससे खरीदारों को तीन हजार रुपये प्रति वर्गमीटर का फायदा मिला और दूसरी श्रेणी में यह लाभ दो हजार रुपये प्रति वर्गमीटर दिया गया। इसके अलावा वर्ष 2016 के सर्किल रेट में मुख्य मार्गों से इतर भीतरी क्षेत्रों में सर्किल रेट में कमी कर नागरिकों को राहत दी गई थी।

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