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गंगा तट पर बनी एक गुफा में ध्यान करते थे सनकादिक ऋषि

ऋषिकेश: ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली आश्रम भगवान राम की तपस्थली होने के साथ ही सनकादिक ऋषियों की साधना स्थली भी है। यहीं सनकादिक ऋषियों ने गंगा तट पर नारद को भागवत कथा सुनाई थी। कथा सुनाने के लिए वह गंगा तट पर बनी एक गुफा में ध्यान करते थे। जो गुफा यहां आज भी सनकादिक गुफा के नाम से जानी जाती है। प्रचार-प्रसार ने होने के कारण यह पर्यटकों की पहुंच से दूर है।

ऋषिकेश से करीब आठ किमी दूर बदरीनाथ राजमार्ग पर ब्रह्मपुरी है। यहां राम तपस्थली आश्रम हैं। महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास इस आश्रम के संस्थापक हैं। उन्होंने बताया कि स्कंदपुराण में वर्णित है कि सनकादि ऋषि ब्रह्मा के चार पुत्र सनक, सनंदन, सनातन और सनत कुमार से हैं। पुराणों में उनकी विशेष महत्ता वर्णित है। आदिकाल में सनकादिक ऋषि राम तपस्थली आए थे। यहां वह एक गुफा के अंदर रहकर साधना और ध्यान करते थे।
पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के परमधाम गमन के करीब 260 वर्ष कलयुग बीत जाने पर कार्तिक शुक्ला नवमी से सनकादिक ऋषियों ने गंगाद्वार ब्रह्मपुरी आनंद घाट पर नारद को श्रीमद भागवत महापुराण कथा का श्रवण कराया था। कथा सुनाने के बाद वह एक पाषाण से बनी गुफा के अंदर ध्यान और साधना में लीन हो जाते थे। जो गुफा यहां आज भी है। महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने बताया कि आज भी जो मनुष्य इस गुफा के अंदर बैठकर साधना और ध्यान करते हैं उसे इस यहां परम सुख की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा इसके प्रचार-प्रसार के लिए वह प्रदेश और केंद्र सरकार से पत्राचार करेंगे।

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