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217 कॉलेजों के बोझ तले दबे श्रीदेव सुमन विवि

Rishikesh:   217 कॉलेजों के बोझ तले दबे श्रीदेव सुमन विवि का राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर को कैंपस बनाया था। इस कैंपस में निर्माण कार्यों में करोड़ों खर्च हो चुके हैं। एक दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल ने इसका लोकार्पण भी किया था। लेकिन आज तक यह श्रीदेव सुमन विवि का कैंपस नहीं बन पाया है। ऋषिकेश में ही केवल एक कैंपस है।

देवप्रयाग में विवि का नया कैंपस बनाने का शासनादेश जारी किया है। दरअसल, 2012 में श्रीदेव सुमन विवि अस्तित्व में आया, जिसे गढ़वाल मंडल के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। विवि के पहले कुलपति डॉ. उदय सिंह रावत ने यहां प्राइवेट परीक्षाओं से शुरुआत की। इसके बाद संबद्ध कॉलेजों की संख्या बढ़ती चली गई, जो वर्तमान में 217 है।

मेरे कार्यकाल के दौरान सरकार ने गोपेश्वर पीजी कॉलेज को विवि का कैंपस बनाने का आदेश जारी किया था। इसके तहत हमने काम भी शुरू कर दिया था। एक दीक्षांत समारोह भी गोपेश्वर परिसर में कराया था। लेकिन वर्तमान के हालात की मुझे जानकारी नहीं है।

-डॉ. यूएस रावत, पूर्व कुलपति, श्रीदेव सुमन विवि

विवि का वर्तमान में केवल एक ऋषिकेश परिसर है। गोपेश्वर परिसर की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। नए परिसर की भी अभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिसर के तौर पर काम करेगा।

 -डॉ. केआर भट्ट, कुलसचिव, श्रीदेव सुमन विवि

वर्तमान में यहां परिसर से संबंधित कार्य हो रहे हैं। हम कॉलेज के तौर पर संचालन कर रहे हैं।

 – डॉ. रचना नौटियाल, प्राचार्य, राजकीय पीजी कॉलेज, गोपेश्वर

2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजकीय पीजी कॉलेज गोपेश्वर को विवि का नया परिसर बनाने का ऐलान किया और इसका शासनादेश भी जारी कर दिया। 2018-19 में विवि के लिए 100 करोड़ बजट का जो प्रावधान किया गया, उसमें गोपेश्वर परिसर के निर्माण भी शामिल थे। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से भी इस कॉलेज को कैंपस बनाने के लिए करीब 19 करोड़ का बजट जारी हुआ।

कई तरह के निर्माण कार्य हो भी चुके हैं, जिनमें करोड़ों खर्च हो चुके। 2019 में तत्कालीन कुलपति डॉ. यूएस रावत की अगुवाई में गोपेश्वर परिसर में विवि का द्वितीय दीक्षांत समारोह भी हुआ। आज हालात ये हैं कि कैंपस का नाम गायब है। अब यह महाविद्यालय केवल एक कॉलेज के तौर पर संचालित हो रहा है।

करोड़ों खर्चने के बावजूद यहां के शिक्षकों के विवि में समायोजन की फाइल शासन में धूल फांक रही है। इन अनदेखी के बीच सरकार ने हाल ही में देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में स्थित राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी नैखरी को श्रीदेव सुमन विवि का कैंपस बनाने का आदेश जारी कर दिया है। अब सबको इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं इसका हश्र भी गोपेश्वर कैंपस जैसा न हो।

श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन विवि के गोपेश्वर कैंपस में दो नवंबर 2019 को हुआ था, जिसमें 45 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल और 44 को सिल्वर मेडल से नवाजा गया था। समारोह में पहाड़ की तीन शख्सियतों पद्मभूषण पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट, पद्मश्री सम्मान प्राप्त जागर गायिका बसंती बिष्ट व सीमांत क्षेत्र में कृषि का आधुनिक विकास करने वाले महेंद्र सिंह कुंवर को मानद उपाधि से नवाजा गया था। इससे पहले राज्यपाल एवं विवि की तत्कालीन कुलाधिपति बेबी रानी मौर्या ने श्रीदेव सुमन विवि के बादशाहीथौल व गोपेश्वर कैंपस का लोकार्पण किया था। परिसर के अधीन आने के बाद यहां प्रवक्ताओं की तैनाती होनी थी, जिसके लिए 85 नए पदों को स्वीकृति मिली थी।

अगस्त 2019 में सरकार ने पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश को तत्काल प्रभाव से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर बना दिया था। 2022 में सरकार ने इस परिसर को विकसित करने के लिए 25.19 करोड़ का बजट भी जारी किया था। वर्तमान में विवि का केवल यही एक कैंपस चल रहा है।

 

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