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UPSC टॉपर्स की कहानी : जिन्होंने इतनी कठिन परीक्षा टॉप किया।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें टॉप-4 रैंक तक बेटियों ने ही बाजी मारी है। ग्रेटर नोएडा की इशिता किशोर ने पहला रैंक हासिल किया है। दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया और तीसरे स्थान पर उमा हरथी एन हैं। चौथे स्थान पर प्रयागराज की स्मृति मिश्रा हैं। पांचवें स्थान पर असम के मयूर हजारिका हैं। 

सिविल सर्विसेज परीक्षा में हर साल पांच से दस लाख युवा बैठते हैं और अंतिम तौर पर 600 से 800 युवाओं का ही चयन होता है। ऐसे में ये चेहरे काफी अहम हो जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही 22 चेहरों से मुलाकात करवाएंगे। साल 2000 से लेकर साल 2022 तक के उन चेहरों की कहानी बताएंगे, जिन्होंने इतनी कठिन परीक्षा न केवल उत्तीर्ण की, बल्कि टॉप भी किया। 

2000 : नागपुर में तैनात में टॉपर विजयलक्ष्मी प्रसन्ना बिदारी, परिवार में पांच IAS-IPS
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2000 की टॉपर विजयलक्ष्मी प्रसन्ना बिदारी इन दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में तैनात हैं। बिदारी अभी नागपुर संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) के पद पर नियुक्त हैं। बिदारी के परिवार के पांच सदस्य IAS-IPS हैं। पति मल्लिकार्जुन प्रसन्ना मुंबई में IPS अधिकारी हैं। पिता शंकर बिदारी कर्नाटक राज्य के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक रह चुके हैं। शंकर बिदारी मशहूर चंदन तस्कर वीरप्पन को पकड़ने के लिए गठित एक विशेष कार्य बल के कमांडर थे। विजयलक्ष्मी के भाई और उनकी पत्नी भी सिविल सर्विसेज में हैं। विजयलक्ष्मी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के पहले अटेंप्ट में ऑल इंडिया 107वीं रैंक हासिल की थी। दूसरे अटेंप्ट में वह देश की टॉपर बन गईं। उन्होंने कंम्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की है। विजयलक्ष्मी का सिविल सर्विसेज में ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान और कन्नड़ लिट्रेचर था। 

2001 : दूसरे प्रयास में पांच नंबर से चूके, तीसरे में देश के टॉपर बन गए
10 अगस्त 1972 को आलोक रंजन झा का जन्म बिहार में हुआ। आलोक साल 2001 सिविल सर्विसेज परीक्षा के टॉपर हैं। इन दिनों विवादों में चल रहे हैं। आरोप है कि संयुक्त राष्ट्र में देश के स्थायी मिशन में अपनी पोस्टिंग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाते वक्त उन्होंने एयर इंडिया की फ्लाइट में एक महिला सह-यात्री के साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद झा अपने अचानक स्थानांतरण के बाद वापस भारत आ गए हैं। आरोप है कि उन्होंने सह-यात्री और एयरलाइन क्रू के साथ दुर्व्यवहार किया। सरकार के पास दर्ज शिकायत के बाद उनका तबादला कर दिया गया था।

हिंदू कॉलेज से स्नातक और फिर जेएनयू से एमफिल करने वाले झा ने सिविल सर्विसेज परीक्षा तीन बार दी। पहले अटेंप्ट में वह मेंस क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। दूसरे में वह पांच अंक से सफलता हासिल करने से चूक गए। तीसरे अटेंप्ट में वह ऑल इंडिया टॉपर बन गए। उस दौरान उन्होंने IAS की बजाय IFS का चयन किया था। लंबे समय से वह विदेश विभाग में सेवा दे रहे हैं।

पेरिस, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान जैसे कई देशों में वह राजदूत रह चुके हैं। इसके अलावा भी विदेश विभाग के कई अहम पदों को संभाल चुके हैं। सिविल सर्विसेज में झा का ऑप्शनल विषय सोसलॉजी और राजनीति विज्ञान था। 

 2002 : IIT दिल्ली के अंकुर गर्ग ने मारी बाजी, पहले प्रयास में टॉपर बन गए
आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अंकुर को मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पैकेज पर नौकरी ऑफर हुई थी। हालांकि, उन्होंने इसे ठुकरा दिया। अंकुर डॉक्टर परिवार से ताल्लकु रखते हैं, लेकिन कक्षा तीसरी से वह आईएएस अफसर बनना चाहते थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान अंकुर ने फ्रांस और स्विट्जरलैंड में इंटर्नशिप भी की।

अंकुर ने सिविल सर्विसेज परीक्षा पहले प्रयास में ही क्लियर कर लिया और टॉपर भी बन गए। 2020 में भी अंकुर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी, जब अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मैक्रोइकॉनॉमिक्स में 171/170 स्कोर करने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं। गर्ग को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर मिला है। अंकुर का जन्म 1980 में हुआ। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। बहन भी डॉक्टर हैं। अंकुर ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के दौरान ऑप्शनल विषय के रूप में फिजिक्स और केमिस्ट्री रखी थी। 

2003 : साइंस से पढ़ाई की फिर कॉमर्स की तरफ लगाव हो गया, पहली बार में टॉपर बन गईं
9 जून 1977 को अंगुल ओडिशा में पैदा हुईं रूपा मिश्रा ने साल 2003 के सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप किया था। रूपा के पिता दंडनिरोध मिश्र भी प्रशासनिक अफसर रहे हैं। मां शिक्षाविद रहीं। 12वीं तक रूपा ने विज्ञान वर्ग से पढ़ाई की। इसके बाद उनका लगाव कॉमर्स की तरफ हो गया। उन्होंने कॉमर्स से स्नातक और फिर एमबीए की पढ़ाई की। चयन के बाद रूपा की तैनाती उनके गृह राज्य ओडिशा में हुई। लंबे समय तक उन्होंने यहां सेवाएं दी। इसके बाद उन्हें केंद्र में बुला लिया गया। अभी वह हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय की जॉइंट सेक्रेटरी हैं। सिविल सर्विसेज परीक्षा के दौरान उन्होंने ऑप्शनल विषय के रूप में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और साइकॉलजी लिया था। 

2004 : एस नागराजन ने किया टॉप, पहले डॉक्टर थे 
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली के रहने वाले डॉ. एस नागराजन ने 2004 में सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप की थी। यूपीएससी में आने से पहले वह डॉक्टर थे। उनके पिता एस श्रीनिवासन ने बीएसएनएल में डिवीजनल इंजीनियर के रूप में काम किया, जबकि उनकी मां वाणी ने भी बीएसएनएल में उप महाप्रबंधक के रूप में काम किया।

नागराजन ने 1996 में चिन्मय विद्यालय से कंप्यूटर साइंस में 95.4% के औसत ग्रेड के साथ स्नातक किया। उन्होंने 2000 में राजस्थान के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी से 3.8 के सीजीपीए के साथ स्नातक ऑनर्स किया। 2018 में, उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

नागराजन ने अपने अंतिम प्रयास में भूगोल और समाजशास्त्र को अपने वैकल्पिक विषयों के रूप में चुना था। नागराजन तमिलनाडु कैडर में हैं और अभी भूमि प्रशासन के आयुक्त के रूप में तैनात हैं।

2005 : हरियाणा की मोना प्रुथी ने किया था टॉप
2005 में हरियाणा की मोना प्रुथी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप किया था। मूल रूप से फरीदाबाद की रहने वाली मोना ने लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन से बीए (अंग्रेजी) की पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल की। इसके बाद कुछ समय तक उन्होंने यहीं पर पढ़ाया भी। मोना के पिता हरियाणा में सत्र न्यायाधीश में थे। सिविल सर्विसेज परीक्षा के दौरान उनके वैकल्पिक विषय अंग्रेजी साहित्य और समाजशास्त्र थे। मोना हरियाणा कैडर में हैं। 

2006 : पहले प्रयास में IPS दूसरे में UPSC टॉपर बन गए मुत्यालाराजू रेवी
आंध्र प्रदेश के रहने वाले मुत्याला राजू रेवू ने साल 2006 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया। राजू ने लगातार दूसरी बार ये सफलता हासिल की। 2005 में भी उन्होंने सफलता हासिल की थी, तब उनकी 223वीं रैंक थी। उन्हें IPS का पद मिला था। 2006 में उन्होंने पूरे देश में टॉप किया था। राजू आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के चिन्नागोल्लापलेम गांव के हैं।

मुत्याला राजू एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने गांव के पास जिला परिषद हाई स्कूल में पढ़ाई की। पॉलिटेक्निक के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन में स्टेट टॉपर होने के नाते, राजू ने तनुकु (पश्चिम गोदावरी जिले) में मुल्लापुडी मेमोरियल पॉलिटेक्निक कॉलेज में अपनी पढ़ाई की और इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की।

मेनलाइन इंजीनियरिंग में आने के लिए उन्होंने 1998 में इंजीनियरिंग कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में पहली रैंक हासिल की। 2002 में GATE के लिए परीक्षा दी और अखिल भारतीय तीसरी रैंक हासिल की। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से बीटेक किया और सिग्नल इंजीनियरिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर से एमई किया।

उन्होंने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा 2003 में पहली रैंक भी हासिल की और रेलवे इंजीनियर के रूप में तैनात हुए। अभी राजू आंध्र प्रदेश कैडर के अफसर हैं। उन्हें आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री के सचिव पद की जिम्मेदारी मिली है। राजू ने ऑप्शनल विषय के रूप में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और गणित का चयन किया था।

2007 : डॉक्टर से IAS टॉपर बने अदापा कार्तिक, हार्वर्ड और कैंब्रिज से मिल चुकी है स्कॉलरशिप
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2007 में आंध्र प्रदेश के अदापा कार्तिक मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। पेशे से डॉक्टर अदापा को हार्वर्ड और कैंब्रिज दोनों से स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से आणविक चिकित्सा में पीएचडी के लिए छात्रवृत्ति भी प्राप्त की थी। हालांकि, IAS बनने के लिए उन्हें इसे छोड़ दिया था।

तीन बार अदापा ने यूपीएससी की परीक्षा दी और तीनों बार ही सफलता हासिल कर ली। पहली और दूसरी बार में उन्हें IPS का पद मिला और तीसरी बार वह यूपीएससी टॉप करके IAS बन गए। अदापा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह आईएएस बनने के लिए रोजाना छह से आठ घंटे पढ़ाई करते थे। हालांकि, इस बीच उनका फोकस पढ़ाई पर होता था न कि समय पर।

वह टॉपिक चयन करके उसी के हिसाब से पढ़ाई करते थे। सिविल सर्विसेज परीक्षा के दौरान उन्होंने अपना ऑप्शनल विषय जूलॉजी और मनोविज्ञान चुना था। वह पंजाब कैडर में अफसर हैं। 2021 में वह पंजाब मुख्यमंत्री के विशेष सचिव भी रह चुके हैं।

2008 : बरेली की शुभ्रा ने किया था टॉप, IIT से की थी पढ़ाई 
उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मीं शुभ्रा सक्सेना ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2008 में टॉप किया था। शुभ्रा सक्सेना यूपी काडर की अफसर हैं और अभी उनकी तैनाती चुनाव आयोग में निदेशक के पद पर है। शुभ्रा के पूर्व पति अनिल अग्रवाल बिल्डर हैं और उनपर कई तरह के आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। शुभ्रा ने आईआईटी रूड़की से बीटेक की डिग्री ली है। इसके बाद वह एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने लगी थीं। इस बीच वह सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी भी करने लगीं। 2008 में उन्होंने ये परीक्षा टॉप की। सिविल सर्विसेज परीक्षा में शुभ्रा ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और मनोविज्ञान का चयन किया था।

2009 : कश्मीर से निकले पहले टॉपर शाह फैसल, नौकरी छोड़ी लेकिन फिर वापस आ गए
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2009 के टॉपर शाह फैसल कश्मीर के रहने वाले हैं। कश्मीर से इस परीक्षा को टॉप करने वाले पहले शख्स हैं। फैसल का जन्म 17 मई 1983 को लोलाब घाटी कुपवाड़ा जिले में हुआ। उन्होंने शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। वह पेशे से डॉक्टर रहे हैं। उनके पिता शिक्षक थे और आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी। पहले ही प्रयास में फैसल ने न केवल यूपीएससी में सफलता हासिल की, बल्कि टॉपर भी बन गए।

यूपीएससी परीक्षा टॉप करने के बाद फैसल कश्मीरी युवाओं के लिए रोल मॉडल हो गए। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। हालांकि, चार साल पहले उन्होंने आईएएस सेवा से इस्तीफा दे दिया था और राजनीति से जुड़ गए थे। हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था। 2022 में फैसल ने वापस प्रशासनिक सेवा में आने के लिए आवेदन किया तो केंद्र सरकार ने तुरंत मंजूरी दे दी।

फसल को तुरंत केंद्रीय पर्यटन विभाग में उप-सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई थी। फैसल ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में ऑप्शनल विषय के रूप में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और उर्दू का चयन किया था।

 2010 : पहले प्रयास में प्री नहीं निकाल पाईं थीं, दूसरे में टॉपर बन गईं 
एस दिव्यदर्शिनी शनमुगम की कहानी भी काफी रोचक है। साल 2010 में सिविल सर्विसे परीक्षा टॉप करने वाली दिव्यदर्शिनी तमिलनाडु के चेन्नई शहर की रहने वाली हैं। उन्होंने डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है। दिव्यदर्शिनी का जन्म 21 मई 1987 को चेन्नई में हुआ। उनके पिता वी शनमुगम एक निजी सलाहकार हैं और मां एस पद्मावती गृहिणी हैं। दिव्यदर्शिनी ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले प्रयास में वह प्री भी क्वालीफाई नहीं कर पाईं थीं। दूसरे प्रयास में वह टॉपर बन गईं। उन्होंने वैकल्पिक विषयों के रूप में कानून और लोक प्रशासन को चुना। चयन के समय, वह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं।

2011 : एमबीबीएस करने के बाद IAS की परीक्षा दी और तीसरी सफलता में टॉपर बन गईं 
हरियाणा की शीना अग्रवाल ने साल 2011 में सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप की थी। उन्होंने एम्स नई दिल्ली से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। शीना ने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले प्रयास में वह सफल नहीं हुईं। दूसरे प्रयास में उन्हें 305 रैंक मिला। वह आईआरएस बन गईं। तीसरे प्रयास में उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप कर दी। अभी वह पंजाब में तैनात हैं। शीना ने 10वीं में 95 और 12वीं में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। शीना ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के ऑप्शन विषय के रूप में मेडिकल साइंस और मनोविज्ञान का चयन किया था।

2012 : चार बार सिविल सर्विसेज परीक्षा दी और तीन बार सफलता मिली 
हरिता वी कुमार ने साल 2012 में सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप किया था। हरिता इसके पहले भी तीन बार इस परीक्षा में सफलता हासिल कर चुकी थीं। दूसरे प्रयास में उन्हें 179 रैंक मिला था। तब वह IPS बन रहीं थीं, हालांकि उन्होंने इसकी जगह IRS का पद चुना। तीसरे प्रयास में उन्हें 294 रैंक हासिल हुई। तब उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल के लिए ब्रेक लिया। चौथे प्रयास में वह टॉपर बन गईं। केरल के एक छोटे से शहर नेय्यात्तिनकारा की रहने वाली हरिता ने ऑप्शनल विषय के रूप में अर्थशास्त्र और मलयालम साहित्य का चयन किया था। उन्होंने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्हें HCL Technologies में नौकरी भी मिल गई थी। हालांकि, उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था। 

2013 : विदेश में इनवेस्टमेंट बैंकिंग की नौकरी छोड़ यूपीएससी की परीक्षा दी, पहले प्रयास में IPS,दूसरे में टॉपर बने
ये कहानी है साल 2013 में सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप करने वाले गौरव अग्रवाल की। गौरव जयपुर के रहने वाले हैं। गौरव ने IIT कानपुर से बीटेक की पढ़ाई की है। हालांकि, वह यहां फेल हो गए थे। जिसके चलते उन्हें एक सेमेस्टर बाद डिग्री मिली, जब वह सफल हुए। इसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की। हॉन्ग-कॉन्ग में इनवेस्टमेंट बैंकिंग की नौकरी भी की। हालांकि, बाद में वह यह नौकरी छोड़ वापस भारत आ गए और यहां उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा दी। पहले प्रयास में वह आईपीएस बन गए और दूसरे प्रयास में उन्होंने ये परीक्षा ही टॉप कर दी। गौरव का ऑप्शनल विषय अर्थशास्त्र था।

2014 : दिव्यांगता को हराकर इरा ने देश में किया टॉप, सफलता के बाद भी करना पड़ा संघर्ष 
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2014 में इरा सिंघल ने टॉप किया था। इरा यूपी के मेरठ जिले से हैं। उन्होंने शुरुआती शिक्षा मेरठ के सोफिया गर्ल्स स्कूल से हासिल की। हायर एजुकेशन के लिए वह दिल्ली आईं और उन्होंने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया। इसके साथ-साथ उन्होंने डीयू से एमबीए की डिग्री हासिल की। इरा स्कोलियोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं।

2010 में इरा का चयन सिविल सर्विसेज में हो गया था और उन्हें IRS का पद मिला। हालांकि, तब उन्हें उनकी दिव्यांगता का हवाला देकर इस पद पर जॉइन कराने से मना कर दिया गया था। इरा ने इसके खिलाफ कैट में याचिका दायर की और जीत हासिल की। इस बीच, वह लगातार सिविल सर्विसेज परीक्षा देती रहीं। 2014 में उन्होंने ये परीक्षा टॉप कर ली। अभी वह दिल्ली में तैनात हैं। उन्होंने ऑप्शनल विषय के रूप में भूगोल का चयन किया था। 

UPSC Toppers Success Story: Subjects, Success Rates, and Trends from 2000 to Present IAS Topers and there Post
हाल ही में टीना डाबी ने प्रदीप गवांडे से शादी की है।
2015 : टीना डाबी बनीं टॉपर, माता-पिता भी रहे अफसर
टीना डाबी 2015 बैच की आईएएस टॉपर है। जब उन्होंने ये परीक्षा टॉप की तो उस वक्त उनकी उम्र 21 साल थी। टीना डाबी का जन्म मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में नौ नवंबर 1993 को हुआ था। वह एक मध्यम वर्गीय एससी हिन्दू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। जब वह सातवीं कक्षा में अध्यनरत थी तब उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया था।

टीना के माता-पिता दोनों ने यूपीएससी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज IAS की परीक्षा पास की थी। उनके पिता जसवंत सिंह डाबी BSNL के जरनल मैनेजर हैं। उनकी मां हिमानी डाबी एक पूर्व (IES) अधिकारी हैं। टीना डाबी की छोटी बहन रिया डाबी ने भी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल की है। टीना 12वीं में सीबीएसई बोर्ड की टॉपर रही हैं। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री, दोनों विषयों में 100 में से 100 अंक हासिल किए थे। टीना डाबी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया है।

टीना का ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान रहा है। टीना ने 2018 में अपने बैच के सेकेंड टॉपर रहे अतहर आमिर खान से शादी की थी। हालांकि, बाद में ये शादी टूट गई। इसके बाद टीना ने आईएएस अफसर डॉ. प्रदीप गवांडे से शादी की। अभी टीना राजस्थान में तैनात हैं।

 2016 : कर्नाटक के छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी टॉप कर रहीं नंदिनी
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2016 में नंदिनी के आर ने टॉप किया था। नंदिनी कर्नाटक के कोलार के एक छोटे से गांव केम्बोडी की रहने वाली हैं। शुरूआती पढ़ाई उन्होंने यहीं के सरकारी स्कूल से की। उनके पिता भी शिक्षक रहे। नंदिनी ने एमएस रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु से इंजीनियरिंग में स्नातक (सिविल) की पढ़ाई पूरी की। इसके तुरंत बाद उन्हें पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी मिल गई।

इस बीच, उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। नंदिनी ने दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल की। तब उन्हें रेवेन्यू सर्विसेज में नौकरी मिली थी। हालांकि, वह आईएएस बनना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी और चौथे प्रयास में वह सिविल सर्विसेज परीक्षा टॉप कर गईं।

नंदिनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपीएससी रिजल्ट आने से एक हफ्ते पहले तक उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाते थे कि नंदिनी इस बार टॉप करेगी। नंदिनी कर्नाटक कैडर की अफसर हैं। 2022 में उन्होंने अपने बच्चे को एक सरकारी अस्पताल में जन्म दिया।

 2017 : पांच प्रयासों के बाद टॉपर बन गए अनुदीप, पिता सरकारी कर्मचारी
सिविल सर्विसेज परीक्ष 2017 के टॉपर अनुदीप दुरीशेट्टी तेलांगना में मेटपल्ली नामक स्थान से हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा भी यहीं हुई। उनके पिता एक सरकारी कमर्चारी हैं और माता गृहणी हैं। स्कूल की पढ़ाई के बाद अनुदीप ने बिट्स पिलानी, राजस्थान से साल 2011 में ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में यह डिग्री ली। इसी दौरान अनुदीप को सिविल सेवा की तरफ रुझान महसूस हुआ। तेलंगाना के अनुदीप दुरीशेट्टी का यूपीएससी का सफर काफी कठिनाई भरा रहा। 2012 में अनुदीप ने पहला अटेम्पट दिया और इस साल वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सेलेक्ट नहीं हुए। तब उन्होंने गूगल कंपनी जॉइन कर ली और नौकरी शुरू कर दी। इसके अगले ही साल अनुदीप ने साल 2013 में परीक्षा पास की लेकिन रैंक कम आने की वजह से उन्हें एलॉट हुई आईआरएस सेवा। यहां उन्होंने कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के तौर पर ज्वॉइन कर लिया लेकिन आईएएस पद के लिए अपने प्रयासों को नहीं रोका। अनुदीप का ऑप्शनल विषय एंथ्रोपोलॉजी था।
2018 : पिता और बड़े पापा IAS, कनिष्क ने परीक्षा टॉप कर ली 
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2018 में जयपुर के कनिष्क कटारिया ने टॉप किया था। कनिष्क के पिता संवर लाल वर्मा और बड़े पापा केसी वर्मा भी आईएएस हैं। कनिष्क ने बचपन से ही घर में प्रशासनिक माहौल देखा। तभी से वह आईएएस बनने का सपना देखने लगे थे। कनिष्क की पढ़ाई कोटा से हुई क्योंकि उनके पापा की पोस्टिंग आसपास के जिले में थी। वहां के सेंट पॉल्स स्कूल से उन्होंने क्लास 12 पास किया। इसके बाद कोचिंग करके उन्होंने जेईई दिया और पहली ही बार में 44वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हो गए।

उन्होंने आईईटी बॉम्बे चुना और वहां से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। कनिष्क मैथ्स में कमाल थे। उनके मैथ्स में दसवीं और बारहवीं दोनों में 100 अंक आए थे साथ ही उन्होंने ओलम्पियाड में भी ऑल इंडिया रैंक 01 पायी थी। आईआईटी के बाद उनका चयन हो गया और वे प्लेसमेंट के द्वारा साउथ कोरिया की एक कंपनी में बहुत अच्छे पैकेज पर सेलेक्ट हो गए। हालांकि, नौकरी छोड़कर उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में टॉपर बन गए। कनिष्क अभी राजस्थान कैडर के अफसर हैं। कनिष्क ने ऑप्शनल के तौर पर गणित विषय का चयन किया था।

2019 : हरियाणा के प्रदीप टॉपर बने, चार बार दी थी परीक्षा 
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2019 में हरियाणा के प्रदीप सिंह ने टॉप किया था। प्रदीप का जन्म 12 जुलाई 1991 को टिवरी गांव, सोनीपत में हुआ था। प्रदीप सिंह ने अपनी पूरी शिक्षा सोनीपत से पूरी की। इसके बाद DCRUST कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 2015 में एसएससी के माध्यम से चुने जाने के बाद, प्रदीप सिंह ने दिल्ली में आयकर विभाग में एक निरीक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह 2015 से 2019 तक विभाग में रहे। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी जारी रखी। प्रदीप के पिता सुखबीर सिंह हरियाणा के सोनीपत जिले के तिवरी गांव के पूर्व सरपंच हैं। उनकी मां उषा देवी गृहिणी हैं। उनका एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है। प्रदीप अभी हरियाणा कैडर में तैनात हैं। उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में लोक प्रशासन विषय चुना था। 

2020 : बिहार के शुभम कुमार बने टॉपर, पिता बैंक मैनेजर
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में बिहार के कटिहार जिले के शुभम कुमार टॉपर बने। शुभम ने आइआइटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है। अभी वह बिहार में ही तैनात हैं। एक जनवरी 1997 को शुभम का जन्म हुआ। उन्होंने शुरूआती पढ़ाई विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल पूर्णिया फिर चिन्मया विद्यालय बोकारो से की। शुभम के पिता देवानंद सिंह एक बैंक में मैनेजर का कार्य करते है। उनकी माता पूनम देवी ग्रहिणी है। शुभम ने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की।
2021 : बिजनौर की श्रुति ने किया टॉप, कला वर्ग से की पढ़ाई 
सिविल सर्विसेज 2021 परीक्षा में बिजनौर की श्रुति शर्मा ने टॉप किया था। श्रुति का जन्म साल 1996 में बिजनौर, उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कक्षा 1 से कक्षा 5 तक कैम्ब्रिज पब्लिक स्कूल से की। इससे आगे कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पढाई सरदार पटेल विद्यालय से पूरी की। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढाई सेंट स्टीफेन कॉलिज, दिल्ली से पूरी की। श्रुति परिवार की अकेली सदस्य हैं, जिन्होंने कला वर्ग को चुनकर इतिहास पढ़ा। जबकि परिवार में सभी विज्ञान से पढ़े हुए हैं। श्रुति के परदादा जिले के नामचीन वैद्य रहे हैं, जबकि दादा भी डॉक्टर रहे हैं। ताऊ और तहेरी बहन डॉक्टर हैं और श्रुति के पापा इंजीनियर। श्रुति ने परिवार में सबसे अलग राह पकड़ी और कला वर्ग को चुन लिया। जिन्होंने इतिहास कुरेद कर सिविल सर्विसेज में सफलता की कुंजी को ढूंढ निकाला। श्रुति के पिता का नाम सुनील दत्त शर्मा है। श्रुति ने ऑप्शनल विषय के रूप में इतिहास का चयन किया था।

2022 : पटना की इशिता ने किया टॉप, माता-पिता एयरफोर्स में रहे
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 में पटना की इशिता किशोर ने टॉप किया है। इशिता के पिता संजय किशोर एयरफोर्स में विंग कमांडर थे। उनके निधन के बाद मां ने एयरफोर्स में नौकरी की। इशिता का जन्म हैदराबाद में हुआ था। तब वहीं, उनके पिता की तैनाती थी। मां ने एयरफोर्स से रिटायरमेंट के बाद ग्रेटर नोएडा में घर ले लिया। अब पूरे परिवार के साथ इशिता ग्रेटर नोएडा ही रहती हैं। इशिता ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकनॉमिक्स की पढ़ाई की है। इशिता का ग्रेजुएशन में ऑप्शनल विषय राजनीति विज्ञान और इंटरनेशनल रिलेशन था। इशिता को चित्रकला और संगीत में गहरी रूचि है। वह मिथिला पेंटिंग बनाती हैं।

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