Sat. Sep 21st, 2024

घटेगा बस्ते का बोझ, एक क्लिक से मिलेंगी किताबें

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) अब स्मार्ट राह पर निकल पड़ा है। विद्यार्थियों को तय समय से किताबें मुहैया करवाने व बस्तों के बोझ को कम करने के लिए पीएसईबी ने नई पहल की है। पहली से लेकर दसवीं तक सभी विषयों की ई-बुक्स तैयार कर दी हैं। इन्हें बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

अब विद्यार्थी मोबाइल या लैपटॉप पर मात्र एक क्लिक पर कहीं भी बैठकर किताबें पढ़ पाएंगे। इससे राज्य के करीब पैंतीस लाख से अधिक विद्यार्थियों को फायदा होगा। हालांकि इन किताबों को डाउनलोड कर आगे बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी है। अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक पीएइर्सबी काफी समय से सभी कक्षाओं की ई-बुक्स बना रहा था। कुछ विषयों की किताबों को बीच में ई-बुक्स में बदला भी गया था लेकिन गत तीन वर्ष में प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करके दसवीं तक की किताबें ई-बुक्स में तब्दील कर दीं गईं। इन किताबों की विशेषता यह है कि इन्हें कहीं भी डाउनलोड कर छात्र आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। किताबें पूरी तरह से निजी पब्लिशर के द्वारा तैयार की जाने वाली किताबों की तरह कलरफुल तैयार की गई हैं। हर विषय के साथ तस्वीर है। इसके अलावा अभ्यास पुस्तकें भी हैं।

अगर एक बार विद्यार्थी किताबें पढ़ना शुरू कर देते हैं तो उनकी किताबों से दोस्ती हो जाती है। माहिरों का कहना है कि यह एक अच्छा प्रयास है। सबसे खास बात यह है कि सारी किताबें एक्टिविटी बेस्ड हैं। वर्तमान में चल रहे माहौल के अनुरूप किताबों को तैयार किया गया है जिससे बच्चे खेल-खेल में आसानी के साथ सीख जाएं। साथ ही उनकी किताबों से दोस्ती हो जाए।

पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एक मोबाइल एप पंजाब एजूकेयर नाम से तैयार किया है। इसमें विद्यार्थियों को आकर्षक वीडियो और आडियो क्लिप के तरीके से सिखाने की कोशिश की जा रही है। यह एप विद्यार्थियों की सॉफ्ट स्किल निखारने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा गणित और विज्ञान के कठिन सवालों को एप पर आसानी से समझाया जाता है। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग की टीम जल्द ही दिल्ली के स्कूलों का दौरा करेगी। उसके बाद स्कूलों में कई बदलाव होने के आसार हैं।
अप्रैल में नया सत्र शुरू होता है लेकिन हर बार दिक्कत आती है। अब सभी स्कूलों में लैब है। इसके अलावा घर में बच्चों के पास मोबाइल है। ऐसे में इन किताबों के चलन में आने के बाद किताबें स्कूलों में न पहुंचने वाली बात पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इसके अलावा यदि छात्र किसी दूसरी जगह घूमने-फिरने के लिए जाते हैं तो उन्हें साथ में किताबें लेकर नहीं जाना पड़ेगा।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *